सिलीगुड़ी चातुर्मास 2024….श्रीमती नेहा बेगवानी की 26 दिन की तपस्या गतिमान ….. जो कार्य समय पर सम्पन्न होते है उसका अलग ही महत्व होता है – मुनिश्री डॉ ज्ञानेंद्र कुमार

सिलीगुड़ी चातुर्मास 2024….श्रीमती नेहा बेगवानी की 26 दिन की तपस्या गतिमान ….. जो कार्य समय पर सम्पन्न होते है उसका अलग ही महत्व होता है – मुनिश्री डॉ ज्ञानेंद्र कुमार

सिलीगुड़ी (अमर छत्तीसगढ) 13 अगस्त।

प्रवचन के मुनिश्री डॉ ज्ञानेंद्र कुमारजी ने अपने प्रवचन में आज भक्ताम्बर विषय के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि आचार्य माँगतुंग ने जेल में रहकर इसकी किस तरह रचना की और इसके तेजस से कैसे बेड़िया टूट गई और जेल के सब ताले टूट गए ।

इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी श्रावको को प्रदान की इससे पूर्व मुनि श्री पदमकुमारजी ने गीतिका का संगान किया और अपने प्रवचन के माध्यम से बताया कि समय की पहचान और समय की महत्व के बारे में एक कहानी के बारे में बताया, सभी को समय के महत्व को समझना चाहिए जो कार्य समय पर सम्पन्न होते है उसका अलग ही महत्व होता है।

मुनिश्री के संसारपशीय भांजी ने एक सुमधुर गीतिका का संगान किया। मुनिश्री के मंगल पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न किया गया ।

समाचार प्रदाता:-मदन संचेती

“परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल आशीर्वाद से तथा सिलीगुड़ी में विराजमान मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी एवं मुनि पदम कुमार जी के पावन प्रेरणा से, बीकानेर निवासी सिलीगुड़ी प्रवासी कुलदीप बेगवानी की धर्मपत्नी श्रीमती नेहा बेगवानी की आज 26 दिन की तपस्या गतिमान है। साता रहने के उपरांत मास खमण करने का मंगलकारी भाव है।”

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