ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में चातुर्मासिक प्रवचन
हैदराबाद(अमर छत्तीसगढ), 14 अगस्त। जिंदगी बनावटीपन नहीं बल्कि एकरूपता होनी चाहिए। हम जैसे भीतर है वैसा ही बाहर होना चाहिए। जिनके भीतर ओर बाहर अमृत है वह सज्जन होते हैै ओर जिनके भीतर व बाहर जहर है वह खराब तो होते है लेकिन पहले ही पता होने से हम बचकर रह सकते है। जो उपर जहर लेकिन भीतर अमृत होता है वह जुबान से कड़वे पर दिल के बुरे नहीं होते है।
ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार राजर्षि भीष्म पितामह पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के ़सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि पूज्य डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने ग्रेटर हैदराबाद संघ (काचीगुड़ा) के तत्वावधान में श्री पूनमचंद गांधी जैन स्थानक में बुधवार को चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक खतरनाक वह व्यक्ति होते है जो उपर से अमृत जैसे लेकिन अंदर से जहर जैसे होते हैं। ऐसे लोगों के तन उजले ओर मन मैले होते है। ऐसे लोगों के जीवन में एकरूपता नहीं होती है। इनका हंसना, रोना सब बनावटी होता है। यह भोले लोगों को बेवकूफ तो बना सकते पर इनकी दुर्गति होना तय होता है।
ये बोलने में इतना माहिर होते है कि इनका झूठ भी सच लगता है। कपट करने में माहिर ऐसे मायाचारी लोगों से बचना मुश्किल होता है पर कर्म इन्हें कभी माफ नहीं करते ओर दुर्गति तय कर देते है। गलत सोच के कारण अनावश्यक पाप कर्म करते जाते है। मुनिश्री ने कहा कि किसी की मजबूरियों पर नहीं हंसना चाहिए क्योंकि मजबूरियां कोई खरीद कर नहीं लाता, डरिये बुरे वक्त की मार से क्योंकि वह कभी बता कर नहीं आता। समय की मार बुलंद आवाज को भी खामोश कर देती है।
कभी इस गलतफहमी में नहीं जीना चाहिए कि जो हमारा राज जानता था उसका पता साफ कर दिया अब हमारा कौन क्या बिगाड़ सकता है। कर्म हमारी नींद उड़ा सकते है। कई बार करता कोई ओर है ओर भरना किसी ओर को पड़ता है। गायनकुशल जयवन्त मुनिजी म.सा. ने भजन ‘‘इस जग की माया नगरी से रिश्ता तोड़ लिया’’ की प्रस्तुति दी। प्रवचन में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का सानिध्य भी रहा।
दक्षिण भारत स्वाध्याय संघ ने की चैन्नई पधारने की विनती
धर्मसभा में चैन्नई से दक्षिण भारत स्वाध्याय संघ के बैनर तले धर्म यात्रा पर आए करीब 80 स्वाध्यायी श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे। संघ की ओर से संयोजक आदित्य भंसाली ने विचार व्यक्त करते हुए पूज्य समकितमुनिजी म.सा. से वर्ष 2025 का चातुर्मास चैन्नई में करने की भावपूर्ण विनती प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि चैन्नई के श्रावक-श्राविकाएं पूज्य गुरूदेव के शीघ्र आगमन की आस लगाए हुए है। संघ के अध्यक्ष लाभचंद खारीवाल, धर्मीचंद कोठारी, तरूण खारीवाल ने भी विनती की भावना में सहभागिता निभाई।
स्वाध्याय संघ के पदाधिकारियों का ग्रेटर हैदराबाद संघ की ओर से भी सम्मान किया गया। धर्मसभा में भीलवाड़ा,उदयपुर, कांकरोली, नंदुरबार, मुंबई आदि स्थानों से पधारे श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे। सभा का संचालन श्रीसंघ के मंत्री पवन कटारिया ने किया। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रवचन सुबह 8.40 से 9.40 बजे तक हो रहा है। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन रात 8 से 9 बजे तक चौमुखी जाप का आयोजन भी किया जा रहा है।
तपस्वी सुश्रावक सुराणा ने लिए 14 उपवास के प्रत्याख्यान
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में एतिहासिक चातुर्मास के दौरान तप साधना की होड सी लगी है। प्रवचन के दौरान बुधवार को अनुमोदना के जयकारो की गूंज के मध्य सुश्रावक अनिल सुराणा ने 14 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। कई श्रावक-श्राविकाओं ने उपवास, आयम्बिल,एकासन आदि तप के प्रत्याख्यान भी लिए।
अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित 15 दिवसीय चन्द्रकला द्रव्य मर्यादा तप भी गतिमान है। तप के 12वें दिन 4 द्रव्य मर्यादा रही। प्रतिदिन एक-एक द्रव्य मात्रा कम होते हुए अंतिम दिवस 17 अगस्त को मात्र एक द्रव्य का ही उपयोग करना होगा।
पुण्यकलश तप आराधना पारणे के साथ सम्पन्न
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में 27 जुलाई से आयोजित 18 दिवसीय पुण्यकलश आराधना की पूर्णाहुति गुरूवार सुबह तपस्वियों के पारणे के साथ हो गई। इसके तहत आराधकों ने एक दिन उपवास एक दिन बियासना की साधना करते हुए अंतिम दिन उपवास की साधना की।
ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में पुण्यकलश आराधकों का बहुमान किया गया। चंदनबाला महिला मण्डल की अध्यक्ष चन्द्रकला कोठारी ने सभी तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए सेवा में कोई चूक रह गई हो तो क्षमायाचना की।
हैदराबाद सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए करीब 175 आराधकांे ने आराधना की थी। समकितमुनिजी म.सा. ने सभी पुण्यकलश आराधकों के प्रति मंगलभावना व्यक्त की। पुण्यकलश तप आराधक लाभार्थी तातेड़ परिवार के सदस्यों ने समकितमुनिजी म.सा. से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर धर्मसाधना पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इसमें सभी प्रकार की साधना के बारे में बताया गया है।
श्रवण कुमार चारित्र का वाचन कल से
स्वाधीनता दिवस पर 15 अगस्त को सुबह 8.15 बजे पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में ध्वजारोहण किया जाएगा। इसके माध्यम से देश को आजादी दिलाने वाले शहीदों को नमन किया जाएगा। इसके बाद सुबह 8.30 से 9.15 बजे तक प्रवचन होंगे। स्वाधीनता दिवस से ही प्रवचन में श्रवण कुमार चारित्र का वाचन शुरू होगा जो 18 अगस्त तक जारी रहेगा। समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं से परिवार सहित इस प्रवचनमाला का लाभ लेने की प्रेरणा दी।
निलेश कांठेड़
मीडिया समन्वयक, समकित की यात्रा-2024
मो.9829537627