रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 16 अगस्त। कठोर तप साधक आड़ा आसान त्यागी संत श्री शीतल राज मसा ने कहा तीर्थंकर भगवंतो ने मोह, कर्म को क्षय कर ज्ञान दर्शन के आवरण वाले कर्मों को सहकर केवल ज्ञान प्राप्त कर भव्य जीवों को अपने अपने तरह बनाने का प्रयास किया। जिस वाणी को कहा उसका पालन किया । पालना के बाद भव्य जीवों को मार्ग बताया चलने कहा। एक भारी है दूसरा शाश्वत है।
जो सुख प्राप्त होता है क्षणिक सुख कई दुखों का कारण भी बनता है । सुख तन, धन परिवार हो इसमें नीचे जाने का टूटन भी होगा । आज भी मसा ने धर्म पर बोलते हुए कहा चार कर्मों का नाश कर राग,द्धेष को जीत लिया। धर्म का सामान्य अर्थ कर्तव्य है। आत्मा की शुद्धि का साधन धर्म है धर्म जीवन जीने की कला सिखाता है और सुख शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति करवाता है ।
मानस भवन में अपने नियमित प्रवचन में गुरुदेव ने कहा धर्म के चार द्वार हैं कर्म बंधन पर कहा बुरी घटनाओं का मूल कारण कर्म है । सभी जीव मन, वचन, काया द्वारा कर्मबंधन करते रहते हैं। शुभ कर्म, अशुभ कर्म बनती ही रहते हैं शुभ कर्म सुख तो अशुभ कर्म दुख देते हैं । कर्म बंधन कई कर्म से होता है अंतरराय कर्म भी बंधता है। धाती कर्म जो आत्मा के मुख्य गुणो का हनन करते हैं तो अधाती कर्म आत्मा के मुख्य गुणो का नाश नहीं करते। यही वजह है कि सिद्ध भगवान कर्म नहीं बांधते।
जैन समाज के महत्वपूर्ण कार्य भागवती दीक्षा पर बोलते हुए कहा दीक्षा में आडंबर ना हो । भगवान महावीर स्वामी ने कहा कि हमारा काम मार्गदर्शन देना है लेकिन दो नंबर का पैसा कहां लगाएंगे । मसा ने स्थानक भवन, उपाश्रय की चर्चा करते हुए कहा सिनेमा जैसा नहीं होना चाहिए स्थानक आराम नहीं तपस्या का स्थान होता है आप आराम करने आए हैं या भगवान की वाणी सुनने आए। उन्होंने कहा भगवान महावीर 12 साल में 349 दिन लंबी तपस्या की। स्थानक भी ऐसा बने जहां ज्यादा से ज्यादा लोग आए। ज्यादा दखलअंदाजी से फिर मकान में कब्जा करने का काम होता है । स्थानक में वैसे भी प्राकृतिक हवा होती है एसी लगाकर ज्यादा सुविधा भोगी स्थल स्थानक नहीं बनना चाहिए ।
उन्होंने कहा धर्म स्थान बने पाप स्थान न, कहने का आशय जिसका शौक धर्म स्थान बनाने का है इतना करने की जरूरत नहीं । ध्यान रहे की स्थानक धर्म स्थान की नियमित साफ सफाई हो । जब अपना घर साफ रखते हैं तो आश्रय, उपाश्रय, स्थानक क्यों गंदा रहे, क्योंकि घर.नारी घर की शोभा है । घरो मैं साफ सफाई मिलेगी जाला नहीं मिलेगा, लेकिन स्थानक में जाला गंदगी क्यों रहे, मूल बात धर्म स्थान संवर का स्थान है ।
इस स्थल को साफ सुथरा रखें चिंतन मनन की बात है। भवन बनाते समय जोश रहता है लेकिन बाद में नहीं । जब भवन बनाने पैसा इकट्ठा करते है तो उसे भवन की साफ सफाई के लिए भी पैसा की व्यवस्था हो ।
आज पुजारी पार्क में संवर वाले महिला पुरुषों की उपस्थिति भी रही। सभी का बहुमान संचेती परिवार प्रमुख दीपेश संचेती, प्रियंका संचेती कर रहे हैं। आगामी 18 अगस्त को दया दिवस में भाग लेने के लिए श्रावक श्राविक अपना नाम लिखा रहे हैं ।