गुरू के बताए मार्ग पर चलकर ही जीवन में मिल सकती सफलता-हरीशमुनिजी मसा….. सफलता में बाधक बन व्यक्ति को गर्त में गिराता अहंकार- हितेशमुनिजी मसा

गुरू के बताए मार्ग पर चलकर ही जीवन में मिल सकती सफलता-हरीशमुनिजी मसा….. सफलता में बाधक बन व्यक्ति को गर्त में गिराता अहंकार- हितेशमुनिजी मसा

(सहयोग- निलेश कांठेड़)

द्वय गुरूदेव जयंति समारोह के चौथे दिन मुकेशमुनिजी म.सा. के सानिध्य में पैसठिया मंत्र का जाप

अम्बाजी(अमर छत्तीसगढ)16 अगस्त। मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा. की 134वीं जयंति एवं एवं लोकमान्य संत शेरे राजस्थान रूपचंदजी म.सा. की 97वीं जयंति के उपलक्ष्य में सप्त दिवसीय गुरू द्वय पावन जन्मोत्सव कार्यक्रम के चौथे दिन श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ पैसठिया मंत्र का जाप किया गया। पूज्य दादा गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा., लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्रीरूपचंदजी म.सा. के शिष्य, मरूधरा भूषण, शासन गौरव, प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्री सुकन मुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती युवा तपस्वी श्री मुकेश मुनिजी म.सा आदि ठाणा के सानिध्य में जाप के माध्यम से श्रावक-श्राविकाओं ने 24 तीर्थंकरों की आराधना एवं भक्ति करते हुए सर्वमंगल एवं सुख-शांति की कामना की गई। जाप में अम्बाजी व आसपास के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। जाप के बाद धर्मसभा में सेवारत्न श्री हरीशमुनिजी म.सा. ने कहा कि जीवन में सफलता चाहिए तो हमेशा गुरू के बताए मार्ग पर चलना चाहिए।

गुरू हमेशा शिष्य का भला चाहता है ओर कभी गलत सलाह नहीं देगा। जो गुरू के मार्गदर्शन की अनदेखी करता है उसे जीवन में पीड़ा ओर कष्टों का सामना करना पड़ता है। गुरूओं की बताई राह पर चलने वाले कभी संसार के मायाजाल में फंसकर भटकते नहीं है बल्कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर लेते है। उन्होंने कहा कि मरूधर केसरी एवं रूपचंदजी म.सा. जैसे महान संतों से प्रेरणा प्राप्त कर लाखों लोगों ने अपने जीवन का कल्याण किया। कई लोगों के कष्ट निवारण करने के साथ जीवदया के क्षेत्र में भी उन्होंने अनुकरणीय कार्य कर मिसाल कायम की।

धर्मसभा मे मधुर व्याख्यानी हितेशमुनिजी म.सा. ने अहंकार से बचने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जो अहंकारी होता है वह जीवन में कभी प्रगति नहीं कर सकता है। अहंकार हमेशा व्यक्ति को गर्त में गिराने का कार्य करता है। जब दुनिया में कंस, रावण जैसे शक्तिशाली अहंकारियों का नाश हो गया तो हम कैसे बच पाएंगे।

व्यक्ति को हमेशा याद रखना चाहिए कि खाली हाथ आए खाली हाथ जाना है साथ कुछ नहीं ले जा सकते तो फिर अहंकार किस बात का किया जाए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति विनयवान होगा उसे सफलताएं मिलती जाएगी ओर वह निरन्तर आगे बढ़ता जाएगा। विनयवान उस फल के पेड़ के समान होता है जो झुका रहता है। जो दम रखते है वह आवाज नहीं करते जबकि जो खोखले होते है वह अधिक शोर मचाते है। हम दमदार ओर विनयवान बनना है।

प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. ने कहा कि इंसान सभी को देखता व परखता है लेकिन सवाल यह है कि क्या स्वयं को देखता ओर परखता है। सत्य तो यह है कि इंसान स्वयं को भूलता जा रहा है। स्वयं के द्वारा स्वयं की पहचान करने से कठिन कोई काम नहीं हो सकता। इससे बढ़कर क्या दुर्भाग्य हो सकता है कि मनुष्य बाहर की सारी जानकारी रखे पर स्वयं से अनजान बना रहे। स्वयं को जानने समझने वाले का जीवन ही बदल जाता है। वह इस संसार ओर अपने जीवन के यर्थाथ को समझ उसी अनुरूप आचरण का प्रयास करता है।

धर्मसभा में युवारत्न नानेशमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा में कई श्रावक-श्राविकाओं ने आयम्बिल, एकासन, उपवास तप के प्रत्याख्यान भी लिए। धर्मसभा में जैन कॉन्फ्रेंस महिला शाखा की राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शिका रत्नीबाई मेहता बेंगलौर, मरूधर केसरी गुरू सेवा समिति के ट्रस्टी समाजसेवी शांतिलाल दरड़ा चैन्नई, मरूधर केसरी मित्र मण्डल जोधपुर के पूर्व महामंत्री मुकेशकुमार मुथा सहित फतहनगर, नाथद्वारा,मुंबई आदि स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे। धर्मसभा में अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ के द्वारा किया गया। धर्मसभा का संचालन गौतमकुमार बाफना ने किया। द्वय गुरूदेव जयंति महोत्सव के सप्त दिवसीय आयोजन के तहत शनिवार 17 अगस्त को णमोत्थुण जाप होगा। इसी 18 अगस्त को गुरू मिश्री जाप एवं 19 अगस्त को पूज्य बुधमलजी म.सा. की जयंति पर नवकार मंत्र का जाप होगा।

प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन, भीलवाड़ा, मो.9829537627

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