रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 19 अगस्त। स्थानीय पुजारी पार्क स्थित मानस भवन में अपने नियमित प्रवचन में शीतलराज मसा ने कहा तत्वों को जीवों को जाने अजीव पुण्य पाप आश्रव बंध को छोड़ो पुण्य करों, पर आसक्त न बनो क्यों यह भी बंधन होने की वजह से छोडऩे योग्य है।
संवर निर्जरा व मोक्ष को अपनाओं, 18 तरह के होने वाले पापों में 11 पापों पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं बच्चों से कहा आप 11 पापों को क्रमवार जानों। 18 पाप से कई प्रकार के अशुभ फल भोगने पड़ते है वैसे 18 में क्रमश: जीव मारना, जीव हत्या, झुठ बोलना, चोरी, अब्रम्ह, परिग्रह (सामाग्री का संचय), क्रोध, मान, माया, लोभ, राग, द्रेष, कलह, कलंक, आरोप लगाना, चुगली, निंदा, सुख-दुख में आत्म नियंत्रण खोना, दंभ और झुठी श्रद्धा इत्यादि प्रमुख है।
मोक्ष व तत्व है जिससे कभी कर्मों का नाश होता है तब आत्मा परमात्मा बनता है यही मोक्ष है। वैसे पुण्य के भी कई मार्ग है बड़ों के प्रति विनय का रखना प्रमुख। पाप की मुक्ति को लेकर शीतलराज मसा ने कहा दुख से नहीं पाप से मुक्ति लो। पापों से मुक्ति होने का प्रमुख साधना, संयम, सामायिक, स्वाध्याय प्रमुख है। सामायिक ही ऐसी साधना है जिस साधना के द्वारा अनंत जीवों में अभय दान होता है। हिंसा का त्याग हो मन वचन काया में आई कोई भी हिंसा पाप है।
उन्होंने कहा हम हर कर्म को करने से पहले दीमाग से सोचे, समक्षे फिर यत्न पूर्वक करें। पाप कर्म बंधन नहीं होगा, तीर्थंकर हुए महापुरुषों का पुण्य काम आया। हमारी अज्ञानता इसलिए हमें पुण्य कमाने की नहीं हमको पाप साथ रखने की है। संवर करे बहुत छोटा से पाठ है इससे पाप हटेगा। हमारे मन में पाप के प्रति घृणा हो पाप का निदान हो।
आज की तप, तपत्या, अठाई, मासक्षमण करने वालों की सक्रियता दिखी। तपस्वी विजय संचेती, श्रीमती अर्चना पटवा का 31 दिन का मासक्षमण पूरा हुआ। इनका सम्मान, बहुमान चातुर्मास लाभार्थी संचेती परिवार के दीपेश संचेती, प्रियंका संचेती के द्वारा आकर्षक स्मृति चिन्ह के साथ किया। पटवा परिवार की बेटी ने अपने भाव व्यक्त किए। नीता पटवा के बाद मोहनी बागरेचा ने भी अपने आत्मीय भाव प्रकट करते हुए कहा तपस्वीजनों का स्वागत है ।
इस अवसर पर आज अठाई, नौ, ग्यारह वाले भी संकल्प के साथ आगे आए। शीतलराज मसा का सानिध्य, आर्शीवाद, मार्गदर्शन, बहुमूल्य प्रवचन लोगों को आत्मशुद्धि की दिशा में आगे ला रहा है। आज भी नियमित संवर करने वाले भाग लेने महिला- पुरुषों का बहुमान किया गया। आज के कार्यक्रम में पटवा परिवार, विजय संचेती परिवार के सदस्यों की उपस्थिति के साथ प्रवचन सामायिक में भाग लिया। मसा शीतलराज के प्रवचन सामायिक करने वालों में प्रदेश के अन्य जिलों के लोग भी पहुंच रहे है। आज भी बड़ी संख्या में उपस्थितजनों ने शीतलराज मसा का मंगल पाठ ग्रहण कर मांगलिक सुना।