बीड(अमर छत्तीसगढ) 21 अगस्त ।
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा बीड द्वारा युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के विद्वान शिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी सहवर्ती मुनिश्री आदित्य कुमारजी के मंगल सानिध्य में 17 -18 अगस्त को बल संस्कार संवर्धन शिविर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। डॉ मुनिश्री पुलकित कुमार जी ने शिविर के महत्व को उजागर करते हुए कहा संस्कारों की विरासत ही असली विरासत होती है ।
जैसे गाड़ी में ब्रेक का महत्व होता है वैसे ही जीवन में अच्छे संस्कारों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है ,बड़े होकर बाल अवस्था में प्राप्त अच्छे संस्कार ही मनुष्य के व्यक्तित्व की पहचान बनते हैं। शिविर के शुभारंभ कार्यक्रम में स्थानकवासी श्रमण संघ के उपप्रवर्तक मुनिश्री अक्षयऋषि जी एवं मुनिश्री अमृतऋषि ने पुण्य विषय पर तथा मुनिश्री आदित्य कुमार ने सफल जीवन जीने के सूत्र बताएं।
बाल संस्कार संवर्धन शिविर में विभिन्न क्लासों में आदेश नाहर, जितेंद्र बोरा, उपासक सुभाषचंद्र समदड़िया, सारिका नाहर ,चेतना लोढ़ा छत्रपति संभाजी नगर से पधारे सुदर्श कटारिया तथा दुबई से पधारे मोटिवेशनल स्पीकर बाल कलाकार जैनम जैन ,जीविका जैन आदि ने विद्यार्थियों को मोबाइल के बढ़ते दुष्परिणाम, बच्चों में बढ़ रहे जंक फूड के प्रति आकर्षण , बच्चों को नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प और विद्यार्थियों को पढ़ाई में मन लगाने हेतु योग एवं ज्ञान का प्रशिक्षण आदि महत्वपूर्ण विषयों पर उद्बोधन दिया। शिविर में 8 से 16 वर्ष तक के 87 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
एबीसीडी प्रतियोगिता तथा वाक्य बनाओ प्रतियोगिता में प्रांजल मंडलेचा विराट लोढ़ा भविषा मर्लेचा ईशान मर्लेचा नियति जैन लब्धि वेदमुथा पुष्कर बोरा खुशी बोरा हर्षद भंडारी चैत्राली नहर दीपिका लोढ़ा एवं नियमित संत दर्शन करने वाले बच्चों में हित समदड़िया जैनम समदड़िया भूमि समदड़िया दैविक समदरिया प्रृषा समदड़िया आदि बच्चों को तथा शिविर में सबसे ज्यादा सामायिक करने वाले विद्यार्थियों को तेरापंथ सभा बीड द्वारा सम्मानित किया गया।
बाल संस्कार संवर्धन शिविर शुभारंभ कार्यक्रम में तेरापंथ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अर्हम अर्हम की वंदना गीत के द्वारा मंगलाचरण किया ,जालना से समीक्षा अशोक कुमार चौरडिया ने 9 की तपस्या का पचखाण किया।
स्वागत भाषण संजय समदड़िया ने किया, सविता मर्लेचा तेरापंथ युवक परिषद बीड के अध्यक्ष अरिहंत समदड़िया प्रसन्न मौजकर भावेश समदड़िया दीपेश समदरिया मुदित समदड़िया आदि ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रतीक्षा मर्लेचा ने किया।