अम्बाजी के अंबिका जैन भवन में मुनियों ने कराया कैश लोच…. राग द्वेष से छुटकारा पाए बिना खत्म नहीं होगा भव भ्रमण- हरीशमुनिजी मसा…. भोग की संस्कृति छोड़ त्याग की संस्कृति अपनानी होगी- नानेशमुनिजी म.सा.

अम्बाजी के अंबिका जैन भवन में मुनियों ने कराया कैश लोच…. राग द्वेष से छुटकारा पाए बिना खत्म नहीं होगा भव भ्रमण- हरीशमुनिजी मसा…. भोग की संस्कृति छोड़ त्याग की संस्कृति अपनानी होगी- नानेशमुनिजी म.सा.

अम्बाजी(अमर छत्तीसगढ) , 23 अगस्त। कर्मो का भुगतान किए बिना संसार सागर को पार नहीं किया जा सकता है। राग ओर द्धेष कर्मबंध का मुख्य कारण है। हमारा परिवार ओर प्रियजनों के प्रति राग होता है तो जिनसे दुश्मनी रखते उनके प्रति द्धेष होता है। राग हो या द्धेष इनसे छुटकारा पाए बिना मोक्ष नहीं मिल सकता है।

ये विचार पूज्य दादा गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा., लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्रीरूपचंदजी म.सा. के शिष्य, मरूधरा भूषण, शासन गौरव, प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्री सुकन मुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती युवा तपस्वी श्री मुकेश मुनिजी म.सा. के सानिध्य में सेवारत्न श्री हरीशमुनिजी म.सा. ने शुक्रवार को श्री अरिहन्त जैन श्रावक संघ अम्बाजी के तत्वावधान में अंबिका जैन भवन आयोजित चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किए। प्रवचन के दौरान ही पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा. की कैश लोच क्रिया भी सम्पन्न हुई। बाद में अन्य मुनिराजों के भी कैश लोच कराए गए।

प्रवचन में हरीशमुनिजी ने कहा कि राग ओर द्धेष ही जीवात्मा के भव भ्रमण का कारण बनते है। इनसे मुक्ति नहीं मिलने तक जीवात्मा एक भव से दूसरे भव में भटकती रहती है। मोक्ष पाना चाहते है तो राग द्धेष छोड़ समभाव में आना होगा। हमारी स्थिति न किसी से प्रेम न किसी से दुश्मनी वाली हो जानी चाहिए ओर कर्म निर्जरा करके परम लक्ष्य की प्राप्ति ही हमारा ध्येय होना चाहिए। धर्मसभा में युवा रत्न श्री नानेश मुनिजी म.सा. ने कहा कि त्याग ओर सुख एक-दूसरे के पूरक है। जितना त्याग करेंगे उतने सुख की प्राप्ति होगी।

चातुर्मास हम तप-त्याग से जुड़कर सुख प्राप्ति का अवसर देता है। हम जिनवाणी श्रवण करते है तो उसके लिए भी समय का त्याग करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि चातुर्मास में दान,तप, शील आदि के साथ सेवा की भावना भी अहम होती है। हमे भोग की संस्कृति छोड़ अपनी त्याग की संस्कृति अपनानी होगी। शुद्ध भावों से किया गया दान ही सफल होता है। धर्मसभा में मधुर व्याख्यानी श्री हितेश मुनिजी म.सा. ने कहा कि मनुष्य कर्म बांध तो लेता है पर काटना मुश्किल होता है। कैशलोच भी कर्म निर्जरा का माध्यम है।

आगम में 10 प्रकार के लोच (मुण्डन) बताए गए है जिनमें से 5 इन्द्रियों व चार कषायों के लोच आन्तरिक रूप से करने होते है। दसवां लोच कैश लोच बताया गया है जो बाहरी होता है। इन लोच को करके ही कर्मबंधन को काटा जा सकता है। उन्होंने श्रावक की 12 भावना में से तीसरी भावना संसार भावना का वर्णन जारी रखते हुए कहा कि जगत में जहां दृष्टि डाले दुःख ही दुःख नजर आता है। व्यक्ति रात में सोते समय ओर सुबह उठते समय चिंताग्रस्त होता है।

राग ओर द्धेष ही व्यक्ति के भव भ्रमण का कारण बनते है। विरक्ति ओर वैराग्य ही जीवात्मा के भव भ्रमण को रोक सकते है। हमे जन्म-जन्मांतर के बंधन से मुक्ति पानी है तो विरक्ति ओर वैराग्य को अपनाना होगा। धर्मसभा में प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. ने कहा कि मनुष्य यदि अपने जीवन को जागृत करना चाहे तो उसे अत्याधिक ज्ञानार्जन करने या सुनने की जरूरत नहीं है। जागने वाले के लिए एक वाक्य ही काफी होता है।

तीर्थंकरों की वाणी का श्रवण-मनन करने या उनकी निश्रा का अमृत सुख पाने के भी हम सोये हुए है। हमने कभी जागने का प्रयास ही नहीं किया। शायद हम जागना ही नहीं चाहते। जिस दिन एक शब्द भी आपके भीतर तक चोट कर दे, भीतर तक उतर जाए तो उसी दिन आपके जीवन में जागृति आ जाएगी। धर्मसभा में कई श्रावक-श्राविकाओं ने आयम्बिल, एकासन, उपवास तप के प्रत्याख्यान भी लिए। अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ के द्वारा किया गया। धर्मसभा का संचालन गौतमकुमार बाफना ने किया। चातुर्मासिक नियमित प्रवचन सुबह 9 से 10 बजे तक हो रहे है।

मुनियों ने कराया कैश लोच, जीवदया में बढ़े सहयोग के हाथ

पर्वाधिराज पर्युषण पर्व आने से पूर्व चातुर्मास कर रहे मुनिराजों ने कैश लोच करा लिया है। कैश लोच पालीताणा से आए भवनेश जैन ने किया। प्रवचन के दौरान पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा. की विधिपूर्वक लौच क्रिया पूर्ण की गई।

पूज्य हरीशमुनिजी म.सा., नानेशमुनिजी म.सा., हितेशमुनिजी म.सा. एवं सचिनमुनिजी म.सा. का भी कैश लोच हुआ। कैश लोच क्रिया देखने वाले श्रावकों ने जीवदया के लिए सहयोग राशि भी प्रदान की। इस दौरान करीब 50 हजार रूपए की राशि एकत्रित हुई। इस राशि का उपयोग कबुतरखानों में दाना डालने में किया जाएगा।

प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन, भीलवाड़ा, मो.9829537627

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