जैसा स्वभाव वैसा व्यवहार- मुनि रमेश कुमार

जैसा स्वभाव वैसा व्यवहार- मुनि रमेश कुमार


काठमाण्डौ नेपाल(अमर छत्तीसगढ) 24 अगस्त।

।। स्वभाव परिवर्तन सप्ताह।।

धर्म का स्वभाव है परिवर्तन। जैन धर्म की मान्यता है पर्याय हर क्षण बदलती है। हमारा स्वभाव हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है। एक अच्छा स्वभाव हमें दूसरों के साथ संबंध बनाने में मदद करता है, जबकि एक बुरा स्वभाव हमारे जीवन में परेशानियां पैदा कर सकता है।उपरोक्त विचार आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ कक्ष स्थित महाश्रमण सभागार में “स्वभाव परिवर्तन सप्ताह” के अंतर्गत आज “कैसा हो हमारा स्वभाव”
एक अच्छा स्वभाव होने के कुछ सूत्र बताते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने आगे कहा-)
सहानुभूति: दूसरों के प्रति सहानुभूति और समझ रखना एक अच्छे स्वभाव की निशानी है।

धैर्य: धैर्य रखना और परिस्थितियों को शांति से संभालना एक अच्छे स्वभाव का हिस्सा है। सहयोग: दूसरों के साथ सहयोग करना और उनकी मदद करना एक अच्छे स्वभाव की विशेषता है। सकारात्मकता सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण रखना एक अच्छे स्वभाव का महत्वपूर्ण हिस्सा है आत्म- नियंत्रण: अपने विचारों और भावनाओं पर नियंत्रण रखना एक अच्छे स्वभाव की निशानी है। इन गुणों को अपनाकर, हम अपने स्वभाव को बेहतर बना सकते हैं और दूसरों के साथ संबंधों में सुधार कर सकते हैं।
स्वभाव कैसा भी हो, व्यवहार को हमेशा सही रखें

संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा काठमाण्डौ नेपाल

Chhattisgarh