शोभा सेठिया 15, अरुण सिपानी 13, सोनम बरलोटा 11 व सुश्री पारख 6 की तपस्या…. पुरुषार्थ के पुरोधा थे श्रीकृष्ण, योगीराज कर्मयोगी वासुदेव श्रीकृष्ण – मुनिश्री सुधाकर

शोभा सेठिया 15, अरुण सिपानी 13, सोनम बरलोटा 11 व सुश्री पारख 6 की तपस्या…. पुरुषार्थ के पुरोधा थे श्रीकृष्ण, योगीराज कर्मयोगी वासुदेव श्रीकृष्ण – मुनिश्री सुधाकर

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) श्री लाल गंगा पटवा भवन, टैगोर नगर में गतिमान चातुर्मासिक प्रवास अंतर्गत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर जी व मुनिश्री नरेश कुमार जी ने जय समवशरण में आज दिनांक 26/08/2024 को जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष प्रवचन “कैसे जीना सीखाते है – श्रीकृष्ण” पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित किया।
मुनिश्री सुधाकर जी ने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन काफी उतार चढ़ाव वाला था फिर भी हर परिस्थिति में वें समभाव में रहते हुए सदा आनंदित मुस्कुराते रहते थे। हाथो में सुदर्शन चक्र की शक्ति अर्थात महायोद्धा होने के बाद भी जिन्होंने सारथी बनना स्वीकार किया वें श्रीकृष्ण थे, एक ग़लती में सर धड़ से अलग करने की क्षमता होने पर भी 99 गलती माफ करने की सहनशीलता रखने वाले भी श्रीकृष्ण थे अर्थात उनका यह आचरण हमें सिखाता है कि हमें अच्छे पल के लिए या विनाश को टालने के लिए सदा प्रयास करना चाहिए।

मुनिश्री ने आगे कहा कि एक बार एक व्यक्ति ने श्रीकृष्ण से पूछा कि आप सदा हाथ में यह मुरली अर्थात बांसुरी क्यों धारण किए रहते हो तो श्रीकृष्ण ने बहुत ही सुन्दर उत्तर दिया कि मुरली में तीन प्रकार की विशेषताएं हैं – पहली इसमें किसी प्रकार की गांठ नहीं होती। दूसरी बोलाने पर ही यह बोलती है और तीसरी जब भी बोलती है मीठा ही बोलती है।

मुनिश्री ने आगे कहा कि श्रीकृष्ण और भगवान महावीर के जीवन घटनाओं में बहुत सी समानता थी। जैन धर्म में जिन 63 शलाका पुरुषों अर्थात विशिष्ट व्यक्तियों का उल्लेख आता है उसमें वासुदेव श्रीकृष्ण का भी आता है। मुनिश्री ने उनके जीवन के तीन विशेष गुणों का वर्णन किया – वें माधुर्य के देवता थे, वें कर्मयोग के संस्थापक थे, वें शांतिदूत थे क्योंकि कि उन्होंने महाभारत के युद्ध को टालने का हर संभव प्रयास किया।
मुनिश्री नरेश कुमार जी ने सुमधुर गीतिका “भवसागर पार लगाए रे महामंत्र नवकार…..” द्वारा प्रेरणा प्रदान कराई।
आज मुनिश्री की सन्निधि में अपनी तपस्या का प्रत्याखान लेकर तपस्वी श्रीमती शोभा सेठिया – 15, श्री अरुण सिपानी – 13, श्रीमती सोनम बरलोटा – 11 व सुश्री पारख – 6 पधारे।

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