भगवान सबके लिए समान है, उनका यह गुण सभी के जीवन में होना चाहिए : पूज्य पंन्यास श्रमणतिलक विजय जी

भगवान सबके लिए समान है, उनका यह गुण सभी के जीवन में होना चाहिए : पूज्य पंन्यास श्रमणतिलक विजय जी

आत्मकल्याण वर्षावास 2024

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 27 अगस्त। । न्यू राजेंद्र नगर स्थित वर्धमान जैन मंदिर के मेघ-सीता भवन में चल रहे आत्मकल्याण वर्षावास 2024 की प्रवचन श्रृंखला में मंगलवार को परम पूज्य श्रमणतिलक विजय जी ने 63 शलाका ग्रंथ पर आधारित भगवान महावीर स्वामी जी के जीवन चरित्र पर प्रवचन करते हुए बताया कि जब शरीर का कोई अंग दर्द दे या फिर आपके शरीर को नुकसान पहुंचाए तो क्या आप उसे काट देते हैं, नहीं ना।

क्योंकि वह आपके शरीर का अंग है उसे काटने पर आप बेढंग दिखने लगोगे और चाह कर भी आप उसे नहीं काट पाओगे। आपका शरीर अगर जख्मी भी हो गया तो भी वह आपके काम आएगा इसलिए आप उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहोगे।

यह उदाहरण इसलिए दिया गया है क्योंकि भगवान भी सबके प्रति एक जैसे रहते हैं चाहे कोई कितना भी परेशान रहे या कोई कितना सुखी हो, भगवान सबके लिए हमेशा एक समान रहते हैं। भगवान के इस गुण को आपको अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। ऐसे गुण अपने अंदर उतार लिए तो फिर आपके जीवन का कल्याण हो ही जाएगा।

मुनिश्री कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उस व्यक्ति को नहीं देखता बल्कि उसकी बीमारी का अवलोकन करता है। वैसे ही भगवान को आप नहीं दिखते आपके अंदर के क्रोध, राग, द्वेष, लोभ और माया जैसी बीमारियां दिखती है और भगवान उन्हें दूर करने का काम करते हैं। ऐसी सोच केवल भगवान बनने वाली आत्मा की होती है, जो आपको संसार के इस चंगुल से बाहर निकलना चाहती है।

क्रोध आपकी समस्याओं को बढ़ा सकता है जीवन में हमें क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। इसके साथ ही द्वेष, राग, लोभ और माया भी हमें त्यागना होगा, नहीं तो यह आपके जीवन में एक बहुत बड़ा नुकसान कर सकते हैं और यह सब आपके जीवन में एक ऐसा बड़ा शून्य छोड़ कर जाएंगे, जिसकी भरपाई करने के लिए आपको यह भव भी कम पड़ जाएगा।

क्योंकि कर्मसत्ता आपको नहीं छोड़ने वाली, छोड़ना तो दूर की बात है आपको कोई डिस्काउंट भी नहीं मिलेगा और कर्मसत्ता के सामने आपकी कोई रिश्वत भी चलने वाली नहीं है। इसलिए हमें सोच समझ कर काम करना होगा। किसी भी काम को करने से पहले हमें यह तय कर लेना होगा कि हमें इससे कितना लाभ होगा और क्या हम इस काम को करके अपने आप को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे हैं।

श्री मेघराज बेगानी धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री धर्मराज बेगानी और आत्मकल्याण वर्षावास समिति के अध्यक्ष अजय कानूगा ने बताया कि भगवान महावीर के जीवन को सूक्ष्मता से जानने का अवसर मिल रहा है प्रतिदिन सुबह 9ः00 से 10ः00 बजे मंदिर में मुनिश्री की प्रवचनमाला जारी है। आप सभी इसका अधिक से अधिक लाभ ले और अपने जीवन को सफल बनाए। वर्धमान मंदिर में साधना के क्रम में 29 अगस्त से 11 दिवसीय दादा गुरूदेव इकतीसा जाप प्रारंभ होने जा रहा है। इसमें भाग लेने महिलाएं सरिता देवी से संपर्क कर सकती है और पुरूष वर्ग समिति के सदस्यों से संपर्क कर सकते है।

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