आपका स्टाफ परिवार की तरह है उनकी परेशानी जानकर उन्हें सुलझाए, ऐसा करने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ है: श्रमणतिलक विजय जी

आपका स्टाफ परिवार की तरह है उनकी परेशानी जानकर उन्हें सुलझाए, ऐसा करने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ है: श्रमणतिलक विजय जी

आत्मकल्याण वर्षावास 2024

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 30 अगस्त। न्यू राजेंद्र नगर स्थित वर्धमान जैन मंदिर के मेघ-सीता भवन में चल रहे आत्मकल्याण वर्षावास 2024 की प्रवचन श्रृंखला में शुक्रवार को परम पूज्य श्रमणतिलक विजय जी ने 63 शलाका ग्रंथ पर आधारित भगवान महावीर स्वामी जी के आदर्शों को बताते हुए कहा कि आज लोगों ने भोग और उपभोग को हो जीवन का उद्देश्य बना लिया हैं। आपके साथ आपका स्टाफ है जो आपके सहयोगी के रूप में आपकी सारी आवश्यकताओं को पूरी करता है।

आपको अपने स्टाफ को परिवार की तरह रखना है। यह बात लोग कहते जरूर है लेकिन ऐसा करते नहीं और जो करता है, वह सबसे उत्तम कार्य कर रहा है। जबकि कायदे से जो लोग आपका काम करें उनका ख्याल आपको रखना चाहिए। उनके घर के खर्चे से लेकर उनके बच्चों की पढ़ाई, शादी, उनकी बीमारी और अन्य परेशानियों का हल आपको करना चाहिए।

पहले के समय सब ईमानदार हुआ करते थे। आज समय इतना बदल चुका है कि लोग पढ़ लिख कर बेईमानी कर रहे हैं। वर्तमान समय में बेईमानी अपनी चरम सीमा पर है और जो इस युग में ईमानदारी करता है उसे किनारे कर दिया जाता है। ईमानदार व्यक्ति आज किसी को पसंद नहीं है क्योंकि हर एक जगह बेईमानी की छांव पड़ चुकी है।

श्री मेघराज बेगानी धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री धर्मराज जी बेगानी और आत्मकल्याण वर्षावास समिति के अध्यक्ष अजय कानूगा ने बताया कि न्यू राजेंद्र नगर स्थित वर्धमान जैन मंदिर में आत्मकल्याण वर्षावास 2024 के अंतर्गत चल रहे प्रवचन श्रृंखला में भगवान महावीर के जीवन को सूक्ष्मता से जानने का अवसर मिल रहा है। प्रतिदिन सुबह 8ः45 से 9ः45 बजे मंदिर में मुनिश्री की प्रवचनमाला जारी है। आप सभी इसका अधिक से अधिक लाभ ले और अपने जीवन को सफल बनाएं।

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