(जैन भवन अम्बाजी में पर्युषण पर्व) गुणों से प्रेम करना ओर गुणीजनों के प्रति प्रेम उमड़ना ही प्रमोद-मुकेशमुनिजी मसा…. परमात्मा की वाणी श्रवण करने पर होने वाली खुशी ही प्रमोद-हितेशमुनिजी मसा

(जैन भवन अम्बाजी में पर्युषण पर्व) गुणों से प्रेम करना ओर गुणीजनों के प्रति प्रेम उमड़ना ही प्रमोद-मुकेशमुनिजी मसा…. परमात्मा की वाणी श्रवण करने पर होने वाली खुशी ही प्रमोद-हितेशमुनिजी मसा

अम्बाजी, 4 सितम्बर। गुणों से प्रेम करना ओर गुणीजनों को देख ह्दय में प्रेम उमड़ आना ओर खुशी महसूस करना भी प्रमोद है। परमात्मा महावीर ने कहा जो गुणीजन है वह उत्तम मनुष्य है। जब तक सांस चलती है गुण ग्रहण करने की आकांक्षा मन में बनाए रखे। धर्म के प्रति आस्थावान सामाजिक प्राणी हमारे जीवन में प्रमोद भाव होना आवश्यक है। प्रमोद यानि खुशी व आनंद का अनुभव करना है। धार्मिक अर्थो में सद्गुणों को ग्रहण करना ही प्रमोद भाव है।

ये विचार पूज्य दादा गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा., लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्रीरूपचंदजी म.सा. के शिष्य, मरूधरा भूषण, शासन गौरव, प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्री सुकन मुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती युवा तपस्वी श्री मुकेश मुनिजी म.सा. ने श्री अरिहन्त जैन श्रावक संघ अम्बाजी के तत्वावधान में आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के चौथे दिन बुधवार को अंबिका जैन भवन में मैत्री दिवस पर आयोजित प्रवचन में व्यक्त किए।

धर्मसभा में सेवा रत्न हरीशमुनिजी म.सा. ने कहा कि प्रमोद का मतलब खुशी का अनुभव होना चाहिए। जीवन में अच्छे लोगों की संगत करे तो अच्छे गुण आएंगे ओर बुरे लोगों की संगत से बुराई ही आएगी। अच्छे गुण आने पर ही प्रमोद का अनुभव होगा। उन्होंने कहा कि सद्गुण व्यक्ति को देवता और दुर्गुण व्यक्ति को शैतान बनाते है।

हमारे जीवन का लक्ष्य सद्गुणों को ग्रहण करते हुए दुर्गुणों का त्याग करते रहना होना चाहिए। धर्मसभा में युवा रत्न श्री नानेश मुनिजी म.सा. ने कहा कि जीवन में प्रमोद भाव का मतलब आनंद व उल्लास का अनुभव करना है। अपने स्वार्थ पूरे होने से मिलने वाली खुशी क्षणिक होती है ओर वह कभी प्रमोद भाव नहीं उत्पन्न हो सकती। किसी जरूरतमंद व असहाय की सेवा करके जो खुशी हमे मिलेगी वह वास्तविक प्रमोद का अहसास कराएगी। हमे इस तरह के कर्म करने चाहिए कि हमारा जीवन प्रमोद भाव से ओतप्रोत रहे।

जीवन प्रमोद भाव से युक्त होगा तो खुशियां हमारे घर-आंगन को महकाती रहेगी। धर्मसभा में मधुर व्याख्यानी श्री हितेश मुनिजी म.सा. ने कहा कि प्रमोद का अर्थ हर्ष, उल्लास, खुशी, प्रसन्नता आदि होता है। परमात्मा की वाणी करने पर जिस खुशी की अनुभूति होती है वही सही अर्थो में प्रमोद है। हमे अपने जीवन को प्रमोदमय बनाना है तो सत्संग व जिनवाणी का श्रवण करना होगा ओर दूसरों की सेवा में खुशी की अहसास करना होगा।

जब हमे दूसरी की सहायता व सेवा करके खुशी मिलेगी तो वह सच्चा प्रमोद होगा। उन्होंने अंतगड़ दशांग सूत्र के मूल पाठ का वाचन एवं विवेचन किया। धर्मसभा में प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. ने कहा कि जीवन में प्रमोद के भाव तभी आएंगे जब धर्म के पथ पर चलेंगे। अधर्म के मार्ग पर चलकर खुशी नहीं मिल सकती है। अधर्म का मार्ग हमेशा दुःख देने वाला होता है। तप त्याग करके जो खुशी मिलती है वह ही वास्तविक प्रमोद है।

कल्पसूत्र वांचन के दौरान छाई महावीर जन्म की खुशियां

पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में दोपहर में प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. द्वारा कल्पसूत्र वाचन के तहत भगवान महावीर जन्म प्रसंग आने पर भगवान महावीर स्वामी का जन्मोत्सव उल्लास के माहौल में मनाया गया। उन्होंने माता त्रिशला को 14 स्वप्न आने एवं भगवान महावीर जन्म प्रसंग सुनाया। इसके बाद श्रीसंघ द्वारा महावीर जन्मकल्याणक उत्सव मनाया गया। भगवान महावीर का जन्म होते ही बधाईयां देते हुए श्रावक-श्राविकाएं महावीर भक्ति के रंग में डूब गए। इस आयोजन को सफल बनाने में श्रीसंघ के पदाधिकारियों की भूमिका अहम रही।

पर्युषण में तप आराधना व धर्म साधना का दौर जारी

पर्युषण पर्व में तप आराधना व धर्म साधना का दौर जारी है। पर्युषण के चौथे दिन सुश्राविका अनिता धर्मेश माण्डावत ने 25 उपवास एवं सुश्राविका दिलखुश राजेन्द्र सियाल ने 10 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। कई श्रावक-श्राविकाओं ने तेला, बेला, उपवास, आयम्बिल व एकासन के प्रत्याख्यान लिए। अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ के द्वारा किया गया। धर्मसभा का संचालन गौतमकुमार बाफना ने किया। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के चौथे दिन दोपहर में मधुर व्याख्यानी हितेशमुनिजी म.सा. के मार्गनिर्देशन में अतांक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस प्रतियोगिता में कई श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। शाम को प्रतिक्रमण का आयोजन किया गया। पर्युषण में प्रतिदिन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक 12 घंटे नवकार महामंत्र जाप का आयोजन भी जारी है। पर्युषण पर्व के पांचवे दिन 5 सितम्बर को सेवा व्रत दिवस मनाया जाएगा। दोपहर में जैन हाउजी प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन, भीलवाड़ा, मो.9829537627

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