पर्युषण पर्व के चौथे दिन मेरा प्यारा परिवार विषय पर प्रवचन
भीलवाड़ा, 4 सितम्बर। जन्म के साथ मृत्यु का वारंट लगा रहता है। समय के साथ घड़ी का कांटा बदलता है पर मानव अपनी प्रकृति को नहीं बदलता है। इस प्रकृति के कारण मानव नशा ओर कुव्यसन का त्याग कर नहीं कर पाता है भले उसकी जिंदगी इनसे बर्बाद हो जाती है। गुटखा,शराब, जुआ किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए। नशा राजा को रंक बना देता है। नशा व व्यसन मुक्त होने पर जीवन श्रेष्ठ बन जाता है।
ये विचार श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य पूज्य श्री मिश्रीमलजी म.सा.‘मधुकर’ के प्रधान सुशिष्य उप प्रवर्तक पूज्य विनयमुनिजी म.सा.‘भीम’ की आज्ञानुवर्तिनी शासन प्रभाविका पूज्य महासाध्वी कंचनकुंवरजी म.सा. ने महावीर भवन बापूनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के चौथे दिन बुधवार को मेरा प्यारा परिवार विषय पर प्रवचन में व्यक्त किए। धर्मसभा में खुशियों के माहौल में भगवान महावीर जन्मोत्सव भी मनाया गया। प्रखर वक्ता साध्वी डॉ.सुलोचनाश्री म.सा. ने कहा कि जो एक घर के अंदर रहते है वह परिवार होता है।
बहु चाहे तो घर को स्वर्ग या नरक बना सकती है। एक बहु कार ओर एक बहू संस्कार लेकर आती है। संस्कारवान होने पर घर स्वर्ग बन जाता है ओर कार तो हो पर संस्कार नहीं हो तो घर नरक बन जाता है। बोलने व सुनने की क्षमता कम होने से परिवारों विवाद हो रहे है। उन्होंने कहा कि खुशहाल परिवार बनाना है तो सास-सुसर को बहु को बेटी मान प्रेम करना होगा तो बहु को भी सास-ससुर को माता-पिता मान सेवा करनी होगी।
परिवार सुखी नहीं है तो हम कितनी भी धर्म साधना कर ले खुश नहीं रह सकते। माता-पिता का कर्तव्य है वह अपनी सभी संतानों के प्रति समभाव रखे ओर किसी तरह का अंतर नहीं करे। मधुर व्याख्यानी डॉ. सुलक्षणाश्री म.सा. ने कहा कि जहां मिथ्यात्व होगा वहां समकित नहीं हो सकता है। भगवान महावीर के जीवन से हम प्रेरणा ले सकते है। सच्चे मन से एक नवकार मंत्र की आराधना करे तो भी समकित की प्राप्ति हो सकती है। प्रवचन के शुरू में सुबह 8.30 बजे से अंतगड़ दशांग सूत्र के मूल पाठ का वाचन साध्वी डॉ. सुलोचनाजी म.सा. के मुखारबिंद से हुआ।
छाई महावीर जन्म की खुशियां, गूंजे त्रिशला मां के जयकारे
धर्मसभा में महावीर जन्मोत्सव मनाया गया। महावीर का जन्म होते ही खुशियां छा गई ओर बधाईयां बांटी गई। राजा सिद्धार्थ एवं माता त्रिशला के जयकारे लगाए गए। नन्हें वर्धमान को पालने में झुलाने की होड लग गई। इस प्रस्तुति में राजा सिद्धार्थ की भूमिका रोहित कर्णावट ओर माता त्रिशला की भूमिका मोनिका कर्णावट ने निभाई।
आयोजन को सफल बनाने में महिला मण्डल अध्यक्ष आशा चौधरी, मंत्री रेखा नाहर, स्नेहलता चौधरी, लीला बाफना, पूनम संचेती आदि ने भी सहयोग किया। धर्मसभा में कई श्रावक-श्राविकाओं ने तेला, बेला, उपवास, आयम्बिल, एकासन आदि तपस्याओं के भी प्रत्याख्यान लिए। श्रीसंघ के मंत्री अनिल विश्लोत ने बताया कि सामूहिक तेला करने वाले करीब 55 तपस्वियों का सामूहिक पारणा बुधवार सुबह महावीर भवन में हुआ। तेला तप पारणा लाभार्थी महेन्द्रकुमार, देवेन्द्रकुमार कोठारी परिवार रहा। पर्युषण पर्व के तहत प्रतिदिन दोपहर में श्री चंदनबाला महिला मण्डल के तत्वावधान में धार्मिक प्रतियोगिताएं हो रही है।
धार्मिक तंबोला प्रतियोगिता के विजेता रेखा कांठेड़, स्नेहलता चौधरी, सरिता मेहता, लीला बाफना व मंजू पितलिया को धर्मसभा में पुरस्कृत किया गया। पर्युषण अवधि में प्रवचन सुबह 8.30 बजे से शुरू होंगे।
पर्युषण में पांचवे दिन 5 सितम्बर को खोजो अपनी आत्मा को विषय पर प्रवचन एवं दोपहर में बुद्धि का विकास प्रतियोगिता होगी। पर्युषण में अखण्ड नवकार महामंत्र जाप भी चल रहा है। श्रीसंघ के सरंक्षक लादूलाल बोहरा एवं अध्यक्ष कमलेश मुणोत ने अधिकाधिक श्रावक-श्राविकाओ से जाप में सहभागी बनने का आग्रह किया है। शाम को प्रतिक्रमण करने भी कई श्रावक-श्राविकाएं पहुंच रहे है।
प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन,भीलवाड़ा
मो.9829537627