बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ) 5 सितंबर। जैन समाज के द्वारा परम पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2024 मे गुरुवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए । दिन भर पूजा-पाठ कई धार्मिक आयोजन होते रहे । इस वर्ष भी स्थानकवासी गुजराती जैन, श्वेतांबर जैन, तेरापंथ जैन समाज के श्रावक श्राविका द्वारा बड़ी संख्या में तपस्या की जा रही है । प्रत्येक घरों में बच्चों से बुजुर्ग तक तपस्या में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं ।
रात्रि में शोभा मेहता, कविता मूनोत, अतुल्या कोचर, प्रवीण गोलछा, स्वाति जैन, राखी, शिल्पी डाकलिया, योगेश चोपड़ा, निधि चोपड़ा सहित समाज के अन्य श्रावक श्राविकाओं ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया । भगवान के पालना को घर ले जाने की बोली दिनेश मुणोत परिवार ने लिया, जिनके द्वारा शाम की भक्ति रखी गई ।
पर्युषण महापर्व के गुरुवार को नेहरू नगर में पूजन वेशभूषा धारण कर स्तवन कुलनायक पूजा, शांति कलश पूजा, मंगल दीपक सहित कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए । समाज की श्रीमती ज्योति चोपड़ा, श्रीमती शोभा मेहता एवं श्रीमती पुष्पा श्रीश्रीमाल द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया ।
इस अवसर पर विमल चोपड़ा, नरेंद्र मेहता, इन्दर चंद बैद, संजय चोपड़ा, योगेश चोपड़ा, सुभाष श्रीश्रीमाल, अमित, संजय छाजेड़, शुभ चंद बाफना, रमेश भयानी, अमरेश जैन, सौरभ छाजेड़, रुपेश अमिता गोलछा, रविन्द्र जंदानी, सुनिता जैन, भावना चोपड़ा, संजीव चोपड़ा, आकाश अग्रवाल, विनी अग्रवाल सहित समाज के लोग उपस्थित थे ।
छोटे-छोटे त्याग से जीवन को संयममय कैसे बनाया जाए, इसी का नाम है अणुव्रत (वैशाली नगर)
अणुव्रत चेतना के दिन उपासिका बहनों ने प्रवचन के दौरन अणुव्रत के बारे में बताया । अणु यानि छोटा। व्रत यानी त्याग छोटे-छोटे त्याग से जीवन को संयममय कैसे बनाया जाए, इसी का नाम है अणुव्रत । अणुव्रतों के द्वारा आचार्य श्री तुलसी ने मानवता का संदेश दिया, उन्होंने यह नहीं कहा कि तुम जैन बनो बल्कि उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मानव मानव कैसे बने। भगवान पारसनाथ के पूर्व भव के 10 भवों का वर्णन किया गया। संयम ग्रहण के बाद भगवान महावीर के जीवन में कितने भयंकर उपसर्ग आए और उन्होंने कैसे सम भाव से उसको सहन किया इसका वर्णन सुनाया गया ।
सायंकालीन प्रतिक्रमण का समय 6:30 से 7.30 है और उसके बाद में 8:30 से प्रतिदिन प्रवचन भी होता है। कल के प्रवचन में प्रसन्नचंद्र राजश्री और मेघ कुमार के बारे में बताया गया। आज बिनोद लुनिया, कन्हैया लाल बोथरा, सुरेंद्र मालू, बजरंग दफ़्तरी, चंद्र प्रकाश बोथरा, संदीप दुग्गड, सुमित बोथरा, भीखम दुग्गड, विमला दुग्गड, अंजू गोलछा, ललिका मालू, कुसुम लुनिया, संगीता बरडिया, सुनीला सोनिका नाहर, अर्चना नाहर, नीतू दुधेरिया, कुसुम सेठिया, इंदु दफ़्तरी इत्यादि इत्यादि की उपस्तिथि रही ।
क़ल जप दिवस पर प्रातः 6 बजे से संध्या 7 बजे तक 13 घंटे का महामंत्र का जाप वर्धमान रहेगा। जिसमें पुरे श्वेताम्बर समाज का सहयोग रहेगा।सभी कार्यक्रम वैशाली नगर, गोलछा हाउस में संपन्न होंगे, उपासिका बहनो के सानिध्य में धर्म प्रभावना के साथ आराधना गतिमान हैं, ललिका मालू जैन द्वारा कंठी तप की तपस्या पूर्णता की और गतिमान हैं, और भी जप तप सामायिक की साधना शक्तिनुसार हर परिवार में वर्धमान हैं।
(टिकरापारा)
महावीर स्वामी जी के जन्म कल्याणक महोत्सव बहुत अच्छे से मनाया गया l जिसमे समाज के सभी सदस्यों ने भाग लिया। महीला मण्डल के द्धारा बहुत सुंदर कार्यक्रम किया गया हैl
जैन तप तपस्या से होने वाले लाभ को नाट्य के द्वारा समझाया गया
चातुर्मासिक मेगा ट्रेड फ़ेयर
यह ट्रेड फेयर की प्रमुख विशेषता यह है कि इसका आनंद आप बिना पैसों के ले सकते है। इस ट्रेड फेयर से आपके कर्मों का क्षय होगा व आपको मोक्ष मार्ग की ओर ले जाएगा। इसके विज्ञापक यह है जिसका समाज के बच्चों ने किरदार निभा कर बताया जिसमें नवकार मंत्र- मौली मेहता, नवकारसी अतुल्या कोचर, एक प्रहर शनाया चोपड़ा, दो प्रहर दिवित, एकसना संजना गोलछा, आयांबिल इप्शा मेहता, उपवास रियांश चोपड़ा. अंतिम सार प्रखर एवं पाखी डाकलिया रही। निधी चोपड़ा, कविता जैन ने संचालन किया। तपस्या का मतलब बताते हुए कहा नवकारसी इससे 100 वर्षों का कर्म क्षय होता है। एक प्रहर इससे 1000 वर्षों का कर्म क्षय होता है। दो प्रहर : इससे 1 लाख वर्षों का कर्म क्षय होता हैl एकसना : इससे 10 लाख वर्षों का कर्म क्षय होता है।
आयांबिल इससे 100 करोड़ वर्षों का कर्म क्षय होता है। उपवास इससे 1000 करोड़ वर्षों का कर्म क्षय होता है। यह चातुर्मासिक ट्रेड फेयर से आपका कल्याण होगा, आपके कर्मों का सफ़ाया होगा। जल्द से जल्द इन ऑफर्स को लीजिए और अपने लिए मोक्ष का मार्ग बनाइए।