धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता… प्रथम निर्मला बरड़िया, द्वितीय  खुशबू गादीया, तृतीय प्रभा लुनावत व दीप्ति बैद रही

धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता… प्रथम निर्मला बरड़िया, द्वितीय खुशबू गादीया, तृतीय प्रभा लुनावत व दीप्ति बैद रही

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 22 सितंबर। धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता कोई साधारण प्रतियोगिता नही है। वरन एक सोची समझी श्रद्धा और ज्ञान से परिपूर्ण प्रतियोगिता है । ये कोई 1 मिनट का टाइम पास नही है वरन इस 1मिनट में भी बहुत गूढ़ संदेश निहित है । इस 1 मिनट के लिए कई पलो का स्वाध्याय समायिक एवं संवर निहित है ।मेरी अल्प बुद्धि से गुरु की वाणी को एवं गुरुवर को जितना भी समझा उसका सार है ये धार्मिक विज्ञापन जिसका एक एक शब्द अर्थपूर्ण है । गागर में सागर भरने वाला है ये केवल इसको हमको ह्रदय से समझने की आवश्यकता है एक अलग दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है ।


धा – धारा बहाई प्रवचन के माध्यम से परम श्रद्धेय जिनवाणी की गुरुवर ने
ये प्रतियोगिता है 2 माह में सीखी हुई सुनी हुई बातों की अनुप्रेक्षा करने
र् – रत्नत्रय धारक मुनि भगवंत के श्री चरणों में स्वयं को कर समर्पित
पाप को पुण्य की आय में बदलने, निर्जरा के द्वारा मोक्ष लक्ष्मी को करने अर्जित
मि – मिटाने कर्म कषायों को एवं स्वयं को रखने सदैव ही जागृत एवं सजग
तेरा मेरा अपना पराया छोड़कर धर्म बसे हमारे अंग अंग रग रग
– कषायों को दूर कर संवर समायिक स्वाध्याय करने का करे अथक प्रयास
डूबे नही हम गुरु के साधक बने मोक्षगामी गुरुवर करते हमसे यही आस


वि – विचारों की निरन्तर शुद्धि करने मोक्ष मार्ग की ओर बढ़ाने सफल कदम
गुरुदेव की अनमोल सीख को उतारें जीवन में आप और हम ।।
ज्ञा – ज्ञान के द्वारा चेतना को जगाकर शाश्वत सुख का करने अमृत रसपान
18 पाप को छोड़, 9 तत्वों को समझ, करे 9 पुण्य यही है आह्वान


– परम हितैषी, परम आनंदकारी मंगलकारी कल्याण कारी वचनों का किये श्रवण
श्रद्धा, आस्था, समर्पण और भक्ति रस में डूबे मेरा रोम रोम कण कण
– नजरों में सदा बनी रहूँ, गुरुचरणों में बैठी रहूँ ऐसे ही आजीवन
रोम रोम उपकारित है मेरा, समर्पित रहे तन मन धन और ये जीवन

जजमेंट टीम – डॉ प्रणिता सेठिया एवं श्रीमती स्मिता लुनावत

इस प्रतियोगिता की प्रथम विजेता श्रीमती निर्मला बरडिया द्वितीय श्रीमती खुशबू गादीया
तृतीय श्रीमती प्रभा लुनावत व दीप्ति बैद रही।

कार्यक्रम संचालिका डॉ प्रणिता राकेश सेठिया परी रायपुर थीं।

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