दुर्ग(अमर छत्तीसगढ) 23 सितंबर। ऋषभदेव परिसर में मुमुक्षु आत्मा श्री अरिहंत बुरड़ का हर्ष और उल्लास के वातावरण में सभी जैन संधो की विशेष उपस्थिति में अभिनंदन किया गया। इस अभिनंदन समारोह का के साध्वी डॉक्टर सुमंगल प्रभा जी एवं साध्वी श्री दर्शन प्रभा जी एवं साध्वी मंडल के सानिध्य में यह आयोजन किया गया ।
श्री अरिहंत बुरड़ आगामी 23 नवम्बर को रायपुर में गुरुदेव विनय कुशल बगिया में श्री विराग मुनि जी के पास जैन भगवती दीक्षा संपन्न होगी ।
साध्वी डा सु मंगल प्रभा जी एवं साध्वी दर्शन प्रभा जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा पुण्य आत्मा ही संयम जीवन जीने का पुरुषार्थ कर सकती है हमें अपने जीवन में संयमी आत्मा बनने हेतु लगातार पुरुषार्थ करना चाहिए संयम साधना के मार्ग पर गुरु भगवंत के अनंत उपकार होते हैं और उनकी कृपा दृष्टि से ही यह मार्ग प्रशस्त होता है ।
वे माता-पिता धन्य है जिनकी कुक्षी से मोक्ष गामी आत्मा ने जन्म लिया है साध्वी श्री ने कहा अरिहंत चले अरिहंत मार्ग पर ज्ञान ज्ञान दर्शन चरित्र तप की अनमोल साधना है संयम यात्रा इस यात्रा का योग बहुत ही विरले लोगों को मिलता है ।
वेरागी अरिहंत के सम्मान में श्रवण संघ महिला मंडल शांति विजय महिला मंडल सुधर्म महिला मंडल एवं साधु मार्गी महिला मंडल ने अलग-अलग भक्ति गीतों से बैरागी का अभिनंदन किया इसी क्रम में अलग-अलग जैन संधो के पदाधिकारी ने शाल श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र से बैरागी अरिहंत का तिलक लगाकर अभिनंदन किया जिनमें श्रमण संघ परिवार मुतिपुजक संध साधुमार्गी समरथ सुधर्म परिवार के सदस्यों ने अभिनंदन पत्र से सम्मानित किया ।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन श्रीमती विधि लोढ़ा के भक्ति में गीतों के बीच के साथ हुआ ।
अभिनंदन समारोह का आयोजन श्रीश्रीमाल परिवार श्रीमती मदन बाई शायर देवी मदनलाल प्रवीण कुमार सुरेश श्रीपाल हरीश कुमार आनंद कुमार के सहयोग से आयोजित किया गया था ।
वेरागी अरिहंत चलेंगे संयम मार्ग की ओर
जैन समाज के सभी संधो ने अभिनंदन किया ।