पवित्रता की धारणा से बन सकती है चैतन्य देवी !

पवित्रता की धारणा से बन सकती है चैतन्य देवी !

रुड़की(अमर छत्तीसगढ) 6 अक्टूबर। –नवरात्र के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज के दक्षिण सिविल लाइंस सेवा केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्था की सब जोन प्रभारी राजयोगिनी बीके मंजू दीदी ने कहा कि नव दुर्गा यानि सभी नो देवियां जिनकी पूजा नवरात्र में हो रही है,किसी न किसी गुण या फिर शक्ति के कारण जानी जाती है।

हम सब भी देवी स्वरूपा नारी को शक्ति का प्रतीक मानते है और इसी कारण नवरात्र में कन्याओं के पूजन का चलन है।वास्तव में हम सब देवी स्वरूपा हो सकते है बशर्ते हमारे अंदर भी उन नो देवियों के सद्गुण समाहित हो।इसके लिए पवित्रता की धारणा करे तो हम चैतन्य देवी का स्वरूप हो सकते है।

उन्होंने सभी को नारी शक्ति का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया।राजयोगी ब्रह्माकुमार सुशील भाई के संचालन में रुड़की सेवा केंद्र प्रभारी बीके गीता दीदी ने भी कन्याओं को देवियों का चैतन्य प्रतीक बताया और समाज से कन्या भूर्ण हत्या जैसे अपराध रोकने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने कहा कि केवल नवरात्र में कन्याओं को सम्मान मिले ओर बाकी वर्षभर वे उपेक्षित रहे ,ऐसा नही होना चाहिए,बल्कि कन्या सदैव ही पूज्य रहे ,यह संकल्प करना होगा।कार्यक्रम में नन्ही मुन्नी बालिकाओं ने देवी गीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

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