सड़क दुर्घटना रोकने के लिए आवारा मवेशियों के रंगे जाएंगे सींग…. राजस्व अभिलेखों के पुराने रिकाॅर्डाें का होगा डिजिटलाइजेशन

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए आवारा मवेशियों के रंगे जाएंगे सींग…. राजस्व अभिलेखों के पुराने रिकाॅर्डाें का होगा डिजिटलाइजेशन

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 8 अक्टूबर 2024। रायपुर जिले की प्रभारी सचिव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारीक ने कलेक्टोरेट परिसर के रेडक्राॅस सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा की। इस दौरान प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक भारतीय रेडक्राॅस सोसायटी की आजीवन सदस्य बनीं। कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह की उपस्थिति में आयोजित विभागीय समीक्षा में प्रत्येक विभागों के कार्याें की प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक ने जानकारी ली और लंबित कार्याें को जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।

प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक ने कहा कि राजस्व अभिलेखों के पुराने रिकाॅर्ड को सुरक्षित किया जाएं। इसके लिए पुराने अभिलेखों को डिजिटलाइजेशन किया जाएं। इससे सभी दस्तावेज हमेशा के लिए सुरक्षित होंगे। सभी सक्षम अधिकारी समय-समय पर राजस्व के लंबित प्रकरणों की माॅनीटरिंग कर उसका निपटारा करें। उन्होंने कहा कि जिले के मुख्य मार्गाें में होने वाले सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

सड़कों पर बैठे मवेशियों की वजह से होने वाले दुर्घटना को रोकने के लिए पशुधन विभाग को आवारा मवेशियों के सींग में गुणवत्तायुक्त रंग लगाने के निर्देश दिए। इससे वाहनों चालकों को रात के अंधेरे में दूर से ही सड़कों पर बैठे मवेशी आसान से नजर आएं। साथ ही काॅलर बेल्ट भी पहनाया जाएं। मवेशियों के बैठने के लिए चबूतरा बनाया जाएं और गांवों में चौपाल लगाकर मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए जागरूक किया जाए।

बारिश का पानी कहीं पर भी किसी भी स्थिति में न भरें, इसका विशेष ध्यान रखा जाएं। प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं में समस्या आने पर आम नागरिकों से फीडबैक लिया जाएं और उनकी समस्याओं को त्वरित निराकृत किया जाएं। समीक्षा बैठक में प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ने जिले में नशे की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी।

श्री सिंह ने बताया कि गांजा की तस्करी रोकने के लिए पड़ोसी राज्य ओड़िसा के करीब में चेकपोस्ट लगाया गया है, जहां पर वाहनों की समय-समय पर जांच की जाती है, ताकि रायपुर शहर तक मादक पदार्थ न पहुंचे। प्रभारी सचिव श्री बारीक ने कहा कि बच्चों और युवाओं को नशे की लत से दूर किया जाएं। नशा मुक्ति केंद्र में वर्तमान में 15 बिस्तरों की संख्या को बढ़ाई जाएं और वहां युवाओं की काउंसिलिंग बेहतर की जाएं।

श्रीमती बारीक ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं पेयजल, साफ-सफाई के लिए किसी भी आम नागरिकों को परेशानी न हो और असुविधा होने पर फीडबैक लिया जाए और समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाएं। श्रीमती बारीक ने कहा कि अवैध शराब बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएं और शराब दुकानों में शराब की ओव्हररेट बिक्री करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएं।

इसके अलावा प्रभारी सचिव ने मत्सय पालन, मनरेगा, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, पीएम सूर्य योजना, स्वच्छ भारत मिशन, नल-जल योजना, अमृत सरोवर, समाज कल्याण विभाग, आईटीएमएस, प्रधानमंत्री सम्मान निधि, स्कूल शिक्षा विभाग समेत विभिन्न विभागों के कार्याें की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप, डीएफओ लोकेश पटेल, सहायक कलेक्टर सुश्री अनुपमा आनंद, अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारी समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

राशन कार्डधारियों की ई-केवाईसी के लिए चलेगा मुहिम
रायपुर जिले में राशन कार्डधारियों की ई-केवाईसी शत-प्रतिशत की जाएगी। इसके लिए प्रभारी सचिव ने कलेक्टर को अभियान के तहत ई-केवाईसी पूर्ण करने के निर्देश दिए है। प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक ने कहा कि समय निर्धारित कर ई-केवाईसी का कार्य पूर्ण किया जाएं। साथ ही गैस-सिलेंडर की डिलीवरी हितग्राहियों तक समय पर पहुंचे। सिलेंडर का नौप-तौल कर हितग्राहियों को पहुंचाई जाएं।

ड्रोन दीदी को प्रशिक्षित कर उपलब्ध कराएं रोजगार
प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक ने कहा कि जिले में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ड्रोन दीदी के रूप में तैयार किया जाएं। साथ ही उन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाया जाएं। साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सहभागी बनाया जाए। स्व सहायता समूह की महिलाओं को साग-सब्जी के कार्याें से जोड़ा जाए और उन्हें लखपति दीदी बनाया जाएं।

मरीजों को बेहतर उपचार और सुविधाएं मिले
प्रभारी सचिव श्रीमती बारीक ने कहा कि राजधानी रायपुर में पूरे प्रदेश से लोग इलाज के लिए पहुंचते है। ऐसे में उन्हें बेहतर उपचार सुनिश्चित की जाएं और सुविधाएं भी बेहतर उपलब्ध कराई जाएं। अस्पतालों में शौचालय की व्यवस्था भी की जाएं। मरीजों एवं उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की समस्याएं न हो।

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