संस्कारधानी ने एक महान शिक्षाविद व साहित्यकार को खो दिया…. शिक्षाविद डॉ हेमलता महोबे सहित दिवंगत मातृ शक्तियों व चंद्रकुमार जैन को साहित्य समिति ने दी श्रद्धांजलि

संस्कारधानी ने एक महान शिक्षाविद व साहित्यकार को खो दिया…. शिक्षाविद डॉ हेमलता महोबे सहित दिवंगत मातृ शक्तियों व चंद्रकुमार जैन को साहित्य समिति ने दी श्रद्धांजलि

 राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 15 अक्टूबर/  नवरात्रि पर्व की नवमी तिथि को संस्कारधानी नगरी की महान शिक्षाविद डॉ हेमलता महोबे मातारानी की गोद में हमेशा – हमेशा के लिए सो गई। इससे  शिक्षा जगत की अपुरणीय क्षति बताते हुए छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के कवि साहित्यकारों और लोक कला धर्मियों ने इन दिवंगत मातृ शक्तियों के प्रति शोक संवेदना जाहिर करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि‌ अर्पित की है।

साहित्य समिति के अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक, वरिष्ठ कवि/ साहित्यकार आत्माराम कोशा अमात्य ने शिक्षाविद डॉ हेमलता महोबे  सहित साहित्यकार डॉ चंद्रकुमार जैन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए सुश्री  महोबे‌ को अपने जीवन काल में शिक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का भलिभांति निर्वहन करने वाली विदूषी महिला बताया और कहा जब भी किसी विषय पर उसे असहजता की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी तो उनसे मिल कर जानकारी लेने उनके यहां अवश्य पहुंच जाता था।

डॉ महोबे कहा करती थी, कोशा जी आपके लिए मेरे द्वारा सदा खुले  रहेंगे। वह द्वार आज सदा के लिए बंद‌ हो गया। साहित्यकार गिरीश ठक्कर ने सुश्री महोबे के निधन को संस्कारधानी का एक महान शिक्षाविद का खो जाना बताया। श्री कोशा अपने  कवि/‌साहित्यकार साथी गिरीश ठक्कर स्वर्गीय, मानसिंह मौलिक आदि के साथ  जहां डॉ हेमलता महोबे की अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

वहीं नगर के संगीतकार गोविंद साव की माता श्रीमती अनुसुइया साव के निधन पर ममता नगर स्थित निवास स्थान में पहुंच कर उनके तैल‌चित्र पर श्रद्धा के पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें भाव पूरित शोकांजलि दी और कहा कि शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता गुणेंद्र साव (‌गुल्लु)की बहन श्रीमती अनुसुइया साव एक धर्मपारायण महिला थी ।

सबसे अपनत्व व्यवहार के लिए जाना जाने वाली श्रीमती साव का निधन निश्चित ही आत्मीय जनों को गहरा दुःख पहुंचाने वाला है। श्री कोशा उनके अधिवक्ता भाई गुणेंद्र साव पुत्र गोविंद साव व  पुलिस विभाग में कार्यरत गौरव साव से मिल कर दुःख बांटे और मृतात्मा कीआत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। बता दें कि नवरात्रि पर्व के ठीक एक दिन पहले सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन नाचा के पुरोधा दाऊ मंदराजी के अलावा संगीतकार‌ स्वर्गीय खुमान लाल साव, देवी लाल नाग, आचार्य सरोज द्विवेदी व क्रांतिकारी कवि कुंजबिहारी चौबे जी को कृतज्ञता पूर्वक याद करते हुए उन्हें कबीर भजनों के माध्यम से पुण्यांजलि अर्पित की गई थी।

अब नवरात्रि पर्व पर शहर की जान- मानी शिक्षा शख्सियत डॉ लेडी महोबे सहित ममतामयी माता श्रीमती अनुसुइया साव के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए समस्त कला/ साहित्य धर्मियों ने इन दिवंगत आत्माओं को शोक श्रद्धांजलि अर्पित की है।

इस शोकांजलि अवसर पर श्री कोशा, सहित गिरीश ठक्कर “स्वर्गीय” , मानसिंह “मौलिक”, ओमप्रकाश “अंकुर”, रौशन साहू, मदन मंडावी, पवन पहुंना  डोहरु राम लोक गायक महादेव हिरवानी ,भागवत सिन्हा, दिनेश साहू  मनहरण साहू मनु ,मुरलीशरण दास वैष्णव, मुकुन्द साहू,बृज लाल साहू,भुवन साहू ,डॉ एल. सी. ठाकरे,पन्ना लाल जंघेल,सतीश साहू,मुकेश बघेल,वार्ड पार्षद संतोष पिल्ले आदि ने मृतात्माओं के प्रति शोक संवेदना जाहिर की और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उक्ताशय की जानकारी लोक कला एवं साहित्य धर्मी रोशन साहू मोखला ने दी है।

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