नेपाल के प्रधानमंत्री  के.पी. शर्मा ओली ने मुनि रमेश कुमार जी के साथ किया वार्तालाप एवं अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मुनि रमेश कुमार जी के साथ किया वार्तालाप एवं अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन


काठमाण्डौ नेपाल (अमर छत्तीसगढ) 13 नवंबर।

प्रधानमंत्री निवास में आज मुनि रमेश कुमार जी ठाणा-2 के पावन सान्निध्य में अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
नेपाल के सम्माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान के.पी. शर्मा ओली ने कहा – आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य नेपाल की इस पावन धरा पर काठमाण्डौ में चातुर्मास कर रहे हैं मैं नेपाल सरकार और अपनी ओर से संतों स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ।


नेपाल स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष एवं नेपाल अणुव्रत समिति के अध्यक्ष दिनेश नौलखा ने मुनि द्वय का एवं उपस्थित समाज के सभी वरिष्ठ लोगों का परिचय कराया।

मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- अणुव्रत एक असाम्प्रदायिक आन्दोलन है। यह व्यक्ति सुधार में विश्वास करता है। नैतिकता और चरित्र निर्माण के लिए यह आवश्यक भी है। आपने आगे कहा- भगवान महावीर के अहिंसा दर्शन, आचार्य श्री तुलसी द्वारा प्रदत्त अणुव्रत आन्दोलन, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा प्रदत्त प्रेक्षा ध्यान जीवन विज्ञान और आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा की गई अहिंसा यात्रा की जानकारी दी। जैन मुनि पदयात्रा क्यों करते हैं इसे भी बताया। समण श्रेणी के बारे में भी जानकारी दी।

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने प्रसन्नता के साथ कहा- नेपाल एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है। नेपाल में सभी धर्मावलंबियों को अपने अपने धर्म के अनुरुप उपासना करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। भगवान महावीर घोर तपस्या करके वर्धमान से महावीर बनें। वे अद्भुत प्रकृति के प्रतीक थे। प्रकृति के प्रति बहुत जागरुक थे। अहिंसा आदि उनके संदेशों की आज बहुत आवश्यक है।

प्रसंगवश आपने लगभग साढे नो वर्ष पहले आचार्य श्री महाश्रमण जी की अहिंसा यात्रा का स्मरण करते हुए कहा- नेपाल की धरा पर उनके जन्म दिवस के समारोह का उल्लेख करते हुए कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी विश्व कल्याण और लोक कल्याण के लिए नैतिकता, सद्भावना का जो कार्य कर रहे हैं वर्तमान युग को उसकी बहुत आवश्यकता है। उस समय मैंने आचार्य जी से कहा- गमनागमन करने के लिए आपको यान- वाहन का उपयोग करना चाहिए। जिससे कम समय में आप एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर करोङों व्यक्तियों का कल्याण कर सकते हैं।

मुनि रमेश कुमार जी , मुनि रत्न कुमार जी ने आचार्य महाप्रज्ञ जी की नेपाली भाषा की कृति मनलाई जिते जित पुस्तक प्रधानमंत्री को स्वाध्याय करने के लिए प्रदान की। भगवान महावीर जैन निकेतन के अध्यक्ष लोकमान्य गोलछा, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुभागमल जम्मड, नेपाल स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष दिनेश कुमार नौलखा ने प्रधानमंत्री का शाल्यार्पण एवं रुद्राक्ष भेंट करके अभिनंदन किया। नेपाल मानव अधिकार परिषद के स्थाई सदस्य सुमित जैन व उनके सुपुत्र वैभव जैन ने पेन्सिल से बनी प्रधानमंत्री का स्केच भेंट किया।


इस अवसर पर तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष महावीर सिंह संचेती, भगवान महावीर जैन निकेतन के पूर्व अध्यक्ष विजय दूगङ, चन्द्र नौलखा , निर्मल सेठिया ( कोलकाता) , के अलावा सांसद रघु पंत, पूर्व मंत्री अनिल झा, पूर्व मंत्री रघुवीर सेठ आदि गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापन्थी सभा काठमाण्ङौ नेपाल

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