राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 13 नवम्बर। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के न्यायालय के एक मामले में श्रीमती अंजली सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राजनांदगांव ने कल एक मामले में आरोपी पति प्रमोद कुमार सिंह एवं उसकी पत्नी सीमा सिंह को कुटरचित दस्तावेज तैयार कर एबीस एक्सपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ अमानत में खयानत और धोखाधड़ी कि आरोप में दोषी करार दिया है।
न्यायालय ने आरोपी पति.पत्नीको भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409ए 420ए 467ए 468एवं धारा 471 सहपठित 34 के तहत प्रत्येक धारा में 03.03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने पाया किए इंदामरा स्थित एबीस एक्सपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेन्ट प्रमोद कुमार सिंह, उसकी पत्नी सीमा सिंह एवं कंचन कुमारी सिंह तीनों ने आपस में मिलकर मुबंई में बी.एस.एस.पी. वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के नाम से पार्टनरशिप फर्म स्थापित किया और जिसका खाता एच.डी.एफ.सी. बैंक ठाकुर विलेज मुंबई में खुलवाया।
प्रमोद कुमार सिंह ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर बी.एस.एस.पी. वाणिज्यिक प्रतिष्ठान सूरत को एबीस कंपनी में मछली और झींगादाना के विक्रय के लिये डीलर के रूप में रजिस्टर्ड करवाया।मार्च से दिसम्बर 2014 के मध्य एबीस कंपनी के डीलर आई.एस.एफ. कंपनीने टारगेट से अधिक व्यवसाय किया थाए जिसके लिये आरोपी प्रमोद कुमार सिंह ने कंपनी के प्रबंध निर्देशक से आई.एस.एफ. कंपनी के लिये एक करोड पांच लाख रू. का टर्न ओवर डिस्काउंट स्वीकृत कराया।
बाद में आरोपी प्रमोद कुमार सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बी.एस.एस.पी. प्रतिष्ठान को आई.एस.एफ. कंपनी की सिस्टर कन्सर्न बताते हुये उपरोक्त रकम में से 44.33 लाख रू. अपनी स्वयं की भागीदार फर्म बी.एस.एस.पी. प्रतिष्ठान को टर्न ओवर डिस्काउंट के रूप में दिलवा दिया। जबकि बी.एस.एस.पी. प्रतिष्ठानआई.एस.एफ. की सिस्टर कन्सर्न नहीं थी और उसने उक्त अवधि में केवल 8 लाख रू. का ही व्यवसाय कंपनी के साथ किया था। न्यायालय ने यह भी पाया कि आरोपी प्रमोद कुमार सिंह एवं उसकी पत्नी सीमा सिंह ने मत्स्य आहार एवं झींगा आहार की राशि लगभग डेढ़ करोड़ रूपये कीधोखाधड़ी एबीस कंपनी के साथ किया।
न्यायालय ने यह प्रमाणित पाया है कि आरोपी प्रमोद कुमार सिंह ने दिनांक 17/11/2014 से दिनांक 31/03/2016 के मध्य एबीस कंपनी में जनरल मैनेजर एवं सिनियर वाईस प्रेसिडेन्ट के पद पर रहते हुये एबीस कंपनी के मत्स्य आहार एवं झींगा आहार के उत्पादन एवं विक्रय की कुल राशि एक करोड पनचान्बे लाख को बेईमानी से दुर्विनियोग कर धोखाधड़ी एवं अपराधिक न्यास भंग किया है।
न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी लिखा है किए अभियुक्तगण का अपराध राज्य एवं भारत शासन के अधोसंरचना पर सीधा प्रहार है। अभियुक्तगण के कृत्य को अपराध की अंतिम पराकाष्ठा मानते हुये न्यायालय ने प्रमोद कुमार सिंह एवं सीमा सिंह को भारतीय दण्ड विधान की धारा 409ए 420ए 467ए 468ए एवं 471ध्34 के तहत दोषी पाते हुए प्रत्येक धारा में तीन.तीन वर्ष की सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
इस मामले की तीसरी आरोपी श्रीमिति कंचन कुमारी सिंह फरार हैए जिसके लिये न्यायालय ने स्थायी गिरफतारी वारंट जारी किया है। उसके गिरफतार होने पर विचारण किया जावेगा।इस प्रकरण में शासन की ओर से एडीपीओ श्रीमति रिचा सोनवानी, प्रार्थी, बीस कंपनी की ओर से पंकज खनूजा, संजय कुमार वर्माएवं अभियुक्तगण की ओर से मुकेश कुमार शर्माअधिवक्ता ने पैरवी की।