शीतल मुनि का चातुर्मास संपन्न, कल विहार उपलब्धियों भरा रहा सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन, उत्तराध्य्यन सूत्र वाचन

शीतल मुनि का चातुर्मास संपन्न, कल विहार उपलब्धियों भरा रहा सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन, उत्तराध्य्यन सूत्र वाचन


(डॉ.सी.एल.जैन सोना)
रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 15 नवंबर। आडा आसन त्यागी, सूर्य अतापना धारी शीतलराज मसा का चातुर्मास स्थानीय पुजारी पार्क स्थित मानस भवन एवं नगर के कई परिवारों के यहां मौन मांगलिक पाठ तथा लगभग 1 माह तक मौन होने की वजह से प्रवचन की प्रस्तुति भी रुकी रही। आज पुरानी बस्ती के पास स्थित जैन समाज के यहां शीतलराज मुनि का अंतिम मौन मांगलिक पाठ का लाभ सैकड़ों लोगों ने लिया।

इसके पूर्व शीतल मुनि 7 जुलाई को पुजारी पार्क पहुंचे थे। 20 जुलाई को चातुर्मास प्रारंभ हुआ। 21 अगस्त को पर्युषण पर्व प्रारंभ इस अवधि में विभिन्न सूत्रों का वाचन हुआ। 7 सितम्बर को संतत्सरी महापर्व, 8 को सामूहिक क्षमापना, 29 सितम्बर को एतिहासिक अखिल भारतीय सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन का आयोजन मारुति मंगलम गुढिय़ारी में संपन्न हुआ। जहां देश के विभिन्न प्रदेशों के जैन समाज के लोग पहुंचे। 1 नवम्बर को भगवान महावीर स्वामी निर्वाण तथा 2 नवम्बर को उत्तराध्य्यन सूत्र वाचन हुआ।
आज दोपहर 2 बजे पूर्ण निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पुरानी बस्ती निवासी लीलादेवी विजय प्रसन्न लूनावत परिवार में मांगलिक पाठ हुआ। इसके साथ ही आज शीतल मुनि का चातुर्मासिक कार्यक्रम का समापन हुआ।

इस अवसर पर शीतल मुनि राज ने सभी को मांगलिक पाठ का आशीर्वाद देते हुए चातुर्मास कार्यक्रम की संक्षिप्त चर्चा की। संपूर्ण आयोजन के प्रमुख लाभार्थी दिपेश संचेती, प्रियंका संचेती का उल्लेख करते हुए कहा प्रियंका का बालाघाट में बचपन से ही धार्मिक क्षेत्र में रुचि रही है।

उन्होंने अपनी 4 माह के कार्यकाल में शीतल मुनि ने कहा उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को जैन तत्व का विषद परिचय कराया तथा 4 गतियां इंद्रियों का ज्ञान, जाति की जानकारी, छह काय का परिचय, शरीर के प्रकार, कर्म की करामात, नौ तत्वों का परिचय, छह लेश्या की जानकारी, छह द्रव्यों की समझ, ध्यान, लोक-अलोक परिचय की विषद जानकारी दी।

उन्होंने उत्तराध्य्यन सूत्र का वाचन कर सभी को विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। मुनि श्री के सानिध्य में अंतगडदसांग सूत्र पर्वाधीराज पर्यूषण के 8 दिन में सभी को जानकारियों से अवगत कराया उनके सानिध्य में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने तप तपस्या, उपवास, अठाई, मास क्षमण, बेला-तेला ही नहीं दया दिवस भी व्यापक रुप से आयोजित हुए।

जिसमें अन्य जिलों व प्रदेश के लोग भी पहुंचे। जिन्हें चांदी के सिक्के से बहुमान के साथ सम्मान किया गया। लाभार्थी परिवार दिपेश प्रियंका संचेती ने शीतल मुनि के प्रवचन सामायिक प्रतिक्रमण संवर इत्यादि में भाग लेने वालों का भी लगातार प्रतिदिन सम्मान व बहुमान आकर्षक भेट सामग्री के साथ किया गया।


शीतल मुनि के प्रवचन व विभिन्न आयोजनों का सानिध्य प्राप्त करने मध्यप्रदेश, राजस्थान व अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। आज संपूर्ण आयोजन के प्रमुख लाभार्थी दिपेश संचेती ने भी अपने संक्षिप्त संबोधन में अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा परिवार गुरुदेव का सानिध्य प्राप्त कर धन्य हो गया। 4 माह में अपेक्षाकृत सभी का सहयोग मिलता रहा। गुरुदेव का प्रवचन व मांगलिक कार्यक्रमों में सैकड़ों लोगों के दिलों में स्थान छोड़ा है।

बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे उन्होंने सबका धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनसे कोई भूल हुई हो किसी का दिल दुखाया हो तो मैं और मेरा परिवार सभी से क्षमा याचना भी करता है। चातुर्मास में दिपेश संचेती के ससुर व सास अनिल बागरेचा, मोहनी बागरेचा ने भी अपनी आवश्यकता अनुसार सहयोग करते रहे। वहीं संपूर्ण आयोजन के लिए बनाई गई शीतल चातुर्मास समिति से जुड़े पदाधिकारी व सदस्य भी अपनी सेवाएं देने का प्रयास करते रहे।

संतोष पुजारी, उमेदमल,ओमप्रकाश बरलोटा, मोहन चौरडिया, अशोक पटवा, मुकश तातेड़ के संरक्षकत्व में बनी समिति के पदाधिकारी भी अपनी सेवाएं देते रहे। उल्लेखनीय है कि सांध्य दैनिक अमर छत्तीसगढ़ एवं वेब न्यूज पोर्टल अमर छत्तीसगढ़ भी शीतल मुनि के चातुर्मासिक कार्यक्रम में अपने हर प्रकार की प्रचार प्रसार की सेवाएं मुनि श्री का प्रवचन व अन्य संदेश, उपदेश लोगों तक छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान ही नहीं नेपाल तक जैन समाज के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास प्रेस की टीम ने की।

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