दुर्ग(अमर छत्तीसगढ) 15 नवंबर। आनंद मधुकर रतन भवन बांदा तालाब दुर्ग में आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला पूरे 4 माह हर्ष और उल्लास के वातावरण में प्रवचन सभा संपन्न हुई और कैसे 4 मा निकल गया बीत गया पता ही नहीं चल चला। आज चातुर्मास पूर्णता की ओर है।
यह आध्यात्मिक चातुर्मास ज्ञान ध्यान तप त्याग धार्मिक जप अनुष्ठान की आराधना के साथ संपन्नता की ओर अग्रसर है कल प्रातः 8:00 बजे चतुर मासिक बिहार महावीर कॉलोनी स्थित महावीर भवन के लिए होगा ।
प्रभु महावीर की वाणी उतराअध्यन सूत्र,सुख विपाक सूत्र, का वचन पूरे 4 माह साध्वी डा सुवृद्धि श्री जी एवं साध्वी रजत प्रभा जी के मुखारविंद से श्रवण करने का अवसर संघ को प्राप्त हुआ ।
सिद्धि तपकी आराधना मास खमण वंदना, 68 दिवसीय नवकार महामंत्र अनुष्ठान आयम्बिल ओली, पेसठिया छंद अनुष्ठान, आचार्य सम्राट जयमल जी महाराज का चमत्कारिक जाप ,बड़ी साधु वंदना का आयोजन इस आध्यात्मिक चातुर्मास का सफलता का केंद्र रहा साध्वी डॉक्टर सुमंगल प्रभा जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपने अंतिम प्रवचन श्रृंखला में कहा जैसे पकी हुई फसल चार माह में हुई वर्षा की स्मृति दिलाती है वैसे ही आपको अवलोकन करना होगा कि हमने हमारे जीवन रुपी खेत में प्रवचन की वर्षा से फसल उगाई की नहीं।
हमारा जीवन धर्म से अंकुरित, पल्लवित, पुष्पित एवं फलित इनमें से किस स्तर पर पहुंचा है। जीवन रूपी धरा उर्वरा बनी की नहीं यह अवलोकन करना अत्यंत आवश्यक हे।
साध्वी डॉक्टर सुमंगल प्रभा ने आगे कहा यह संसार एक मुसाफिरखाना है संतों का जीवन एक मुसाफिर की भांति होता है जो चार माह एक स्थान पर चातुर्मास करते हैं फिर प्रस्थान कर देते हैं।
जिस संघ में अच्छे ईमानदार, दीर्घदर्शी पारदर्शी व्यक्तित्व वाले कार्यकर्ता होते हैं वह संघ दीर्घजीवी होता है सेवानिष्ठा, विचार निष्ठा चारित्र निष्ठा ही कार्यकर्ता संघ समाज को प्रतिष्ठा देती है।
व्यक्ति बुद्धि के योग से वैज्ञानिक पुष्य के योग से सम्पति शाली शिक्षा के योग से डॉक्टर और इंजिनियर बन गए मगर अच्छे एवं सच्चे समाजसेवी बनने के लिए समर्पण श्रद्धा निष्ठा आस्था एवं विश्वास का योग होना आवश्यक है।
अनेक प्रकार के व्यक्ति होते हैं। जैसे लालटेन ट्यूबलाईट, बल्ब, दीमक, दीपक । सर्वश्रेष्ठ जो व्यक्ति होता है वो दीपक की भांति होता है। दीपक अगर एक जला हुआ है तो हजारों दीप प्रज्वलित कर सकता है-वैसे ही संघ समाज में दीपक भांति जो कर्मठ कार्यकर्ता होते हैं वो अपने कर्तव्य से हजारो व्यक्तियों को संघ समाज से जोड़कर एकता, संगठन प्रेम आत्मिकता सोहार्दता द्वारा समाज को एक नया आलोक प्रदान करते हैं। ऐसे कार्यकती शिष्ट विशिष्ट एवं उत्कृष्ट होते हैं जो दीपक की भांति होते हैं।
चातुर्मास पूर्णता की बेला पर बधाई विदाई जुदाई के बारे में बताते हुए कहा कि – दुर्ग श्रमण संघ अपने आप में एक विशिष्ट है। इस संघ ने चार महीने खुब सेवा भक्ति का लाभ लिया । और संघ के लिए कहा कि – इस दुर्ग संघ श्रमण संघ के लिए मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है। यहां पर जो आपसे बात करने का आनंद आया वो कुछ अलग से अंदाज है।
कौन कहता है हमारी और आपकी विदाई होगी।
कौन कहता है हमारी जुदाई होगी
ये खबर किसी ने झूटी उड़ाई होगी…..
आज जय आनंद मधुकर रतन भवन की विदाई सभा को जसराज पारख, धर्मचंद लोढ़ा, प्रवीण श्री श्रीमाल, राकेश संचेती, नीलम बाफना, बसंत छत्तीसाबोहरा, सुधीर बाघमार, पदम छाजेड़, युक्ता बोहरा, संगीता बाफना ने विदाई समारोह में अपने भाव व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन श्रमण संघ के मंत्री राकेश संचेती ने किया ।
साध्वी डॉक्टर सुमंगल प्रभा ने आयोजित सभा में नितिन संचेती, सौरभ रतन बोहरा, संदीप बाफना के कार्यों की अनुमोदना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की ।