1008 भगवान शान्तिनाथ जी का प्रथम दिगम्बर जिन चैत्यालय वेदी शिलान्यास अशोका रतन शंकर नगर मे 17 नवंबर को

1008 भगवान शान्तिनाथ जी का प्रथम दिगम्बर जिन चैत्यालय वेदी शिलान्यास अशोका रतन शंकर नगर मे 17 नवंबर को

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 15 नवंबर। दिगम्बर जैन समाज के द्वारा सर्वप्रथम 1008 भगवान शान्तिनाथ जी का मंदिर (चैत्यालय) अशोका रतन शंकर नगर रायपुर मे निर्माणाधीन है, अशोका रतन मे रहने वाले जैन परिवार अपने बुजुर्ग व बच्चों को नित्यप्रतिदिन देव दर्शन सुलभता से उपलब्ध करवाने अपनी ही सोसाइटी मे सभी के तन मन व धन के सहयोग से एक जिन चैत्यालय का निर्माण करवाने का विचार किया और वो विचार लगभग निर्माण के सम्पन्नता की ओर है, इसका निर्माण की महती जिम्मेदारी समाज के श्रेष्ठ श्रावक, इंजीनियर व शंकर नगर मंदिर के यशस्वी अध्यक्ष श्री मनीष जैन बिलासपुर वालों को दी, जो न केवल इंजीनियर के रूप मे वरन एक श्रावक की जिम्मेदारी निभाते हुए तन मन धन व समर्पण के साथ उसे पूर्ण कर रहें है।

सबसे बड़ी व पुण्योदय की बात ये है कि आज के धरती के भगवान संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर 108 विद्यासागर जी महामुनिराज ने समाधीस्थ होने के पूर्व इस मन्दिरजी का भूमिपूजन अपने ही पावन व अतिशयकारी कर कमलों से किया था, निश्चित ही ये मंदिर जैन समाज के अलावा जैनेत्तर समाज के लिए भी सुख शांति प्रदायक सिद्ध होगा।
एक विशेषता यह भी है कि रायपुर मे प्रथम पीले पाषाणों से निर्मित यह जिन चैत्यालय है इसकी छठा अलग ही दर्शनीय है।
मन्दिरजी के सम्पूर्ण निर्माण होने पर श्री जी की प्रतिमाओं को आगामी शुभ मुहर्त व शुभ स्थान पर पंच कल्याणक करवा कर वेदी प्रतिष्ठा के माध्यम से विराजमान की जाएगी


रविवार दिनांक 17 नवंबर 2024 को प्रातः 7.30 बजे से वेदी जिसमे जिन प्रतिमाओं को विराजमान किया जाना है उस वेदी का शिलान्यास का कार्यक्रम आगमानुसार जीवन जीने वाले आदरणीय ब्रह्मचारी सुनील भैया जी के मार्गदर्शन मे अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान् पंडित अजित शास्त्री जी के द्वारा विधिविधान से संपन्न होना है।

इस अवसर पर सर्व विघ्नहर्ता भक्तामर विधान, वेदी शिलान्यास पूजन व जिन आचार्य के चरण कमल व हाथों से इसकी नींव रखी गयी पुण्योदय से उस दिन आचार्य गुरुवर 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का आचार्य पदारोहण दिवस भी है, कार्यक्रम मे पदारोहण कार्यक्रम भी मनाया जायेगा।


भगवान श्री शान्तिनाथ भक्त परिवार अशोका रतन निवासी परिवारों ने इस पावन अवसर पर रायपुर के सभी मंदिरों मे स्वयं जाकर उनके पदाधिकारी व सदस्यों को निमंत्रित किया व सम्पूर्ण कार्यक्रम मे सहभागिता हेतु निवेदन किया।

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