अम्बाजी राजस्थान(अमर छत्तीसगढ),17 नवम्बर। श्री अरिहन्त जैन श्रावक संघ अम्बाजी के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास समापन के बाद पूज्य दादा गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा., लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्रीरूपचंदजी म.सा. के शिष्य, मरूधरा भूषण, शासन गौरव, प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्री सुकन मुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती युवा तपस्वी श्री मुकेश मुनिजी म.सा. आदि ठाणा के कदम अब वर्ष 2025 के चातुर्मास के लिए पूना की दिशा में बढ़ेंगे।
पूना में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ श्रीमान रसिकलाल एम. धारीवाल स्थानक भवन बिबवेवाड़ी में होना है। इसके लिए बिबवेवाड़ी संघ की विनती पर पूज्य प्रवर्तक सुकुनमुनिजी म.सा. क्षेत्र,द्रव्य,काल भाव की मर्यादा रखते हुए इस चातुर्मास की स्वीकृति प्रदान कर चुके है। पूना की तरफ विहार करने से पहले मुनिवृन्द अभी अंबाजी में ही श्रावकों के निवास पर पहुंच उन्हें धर्मलाभ प्रदान कर रहे है।
पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा., सेवारत्न हरीशमुनिजी म.सा., युवा रत्न नानेश मुनिजी म.सा, प्रज्ञा रत्न हितेशमुनिजी म.सा., प्रार्थनार्थी सचिन मुनिजी म.सा. आदि ठाणा रविवार को अंबाजी में अम्बाजी निवासी श्रीमती लीलाबेन सोहनलालजी लोढ़ा परिवार के निवास से विहार कर जगदम्बा सोसायटी स्थित श्री रोशनलालजी कच्छारा के निवास पर पहुंचे।
यहां परिवार व श्रावक संघ के सदस्यों ने मुनिवृन्द का अभिनंदन किया। पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा., हरीशमुनिजी म.सा. आदि के सानिध्य में भक्तामर स्रोत का जाप एवं प्रार्थना हुई।
प्रवचन में मुनिवृन्द ने श्रावक-श्राविकाओं को जीवन में जिनशासन के बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हुए कहा कि मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए दान, शील, तप व भाव महत्वपूर्ण है। दान व तप करने के साथ सदाचारी होकर शीलव्रत की मर्यादा का पालन करना ओर भावों की शुद्धि होना भी जरूरी है। भावना शुद्ध हुए बिना मोक्ष नहीं मिल सकता।
सुश्रावक रोशनलाल कच्छारा सहित कई श्रावकों ने मुनिवृन्द से फिर जल्द अम्बाजी पधारने की विनती की। सकल समाज की नवकारसी के लाभार्थी श्रीमती चन्द्रादेवी रोशनलालजी,श्रीमती रंजना विजयकुमारजी, श्रीमती भावना अजयकुमारजी, सुश्री पावी कच्छारा परिवार अम्बाजी रहा।
प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़, अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन, भीलवाड़ा, मो.9829537627