(रवि जयसवाल दल्लीराजहरा)
दल्लीराजहरा(अमर छत्तीसगढ) 7 दिसम्बर ।- मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के संस्थापक एवं जनक क्रांतिवीर कंगला मांझी की पुण्यतिथि पर जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम बघमार में आयोजित क्रांतिवीर कंगला मांझी स्मृति दिवस एवं सम्मान समारोह के अवसर पर उनके अनुयायियों का विशाल जन सैलाब उमड़ पड़ा है।
इस अवसर पर उनकी समाधि स्थल ग्राम बघमार में 05 दिसम्बर से 08 दिसम्बर तक आयोजित क्रांतिवीर कंगला मांझी स्मृति दिवस एवं सम्मान समारोह में क्रांतिवीर कंगला मांझी को नमन करने छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश राज्यों से हजारों की संख्या में उनके अनुयायी ग्राम बघमार पहुँचे हैं।
इस 03 दिवसीय आयोजन के माध्यम से ग्राम बघमार में क्रांतिवीर कंगला मांझी के अनुयायियों का हुजुम उमड़ पड़ा है। इस दौरान श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के विशाल संख्या में सैनिकों के अलावा अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के सदस्यों के अलावा उनके अनुयायी गण क्रांतिवीर कंगला मांझी के समाधि स्थल में पहुँचकर अपने आराध्य को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि क्रांतिवीर कंगला मांझी का स्वतंत्रता संग्राम के योगदान में प्रमुख योगदान रहा है। उनका जन्म कांकेर जिले के ग्राम तेलावट में हुआ था। वे 1913 में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ चुके थे इसके पश्चात् 1914 में महात्मा गांधी से मुलाकात करने के पश्चात् उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाई।
क्रांतिवीर कंगला मांझी सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखते थे लेकिन उनका दृष्टिकोण बहुत ही व्यापक था। उनके द्वारा श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति की स्थापना कर स्वयं को राष्ट्र निर्माण, समाज कल्याण एवं आदिवासियों के उत्थान के पूनीत कार्य के लिए अपने आप को आजीवन समर्पित किया गया था।
क्रांतिवीर कंगला मांझी संपूर्ण विकास को सर्वोपरि मानते थे और राष्ट्रहित के कार्य करने के लिए वे सदैव तत्पर रहे। राष्ट्र सेवा एवं आदिवासी उत्थान के लिए आजीवन कार्य करते हुए क्रांतिवीर कंगला मांझी 05 दिसंबर 1984 को ग्राम बघमार में अपने प्राण त्यागे थे। तब से लेकर आज पर्यंत तक हजारों की संख्या में उनके अनुयायी उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके कर्म स्थलीय ग्राम बघमार में पहुँचते हैं।
इन 03 दिवसीय आयोजन के अंतर्गत आयोजन के पहले दिन 05 दिसंबर को कार्यक्रम में आमंत्रित आंगादेव एवं अन्य देवी-देवताआंे के पूजा-अर्चना के पश्चात् कार्यक्रम में बैगा, पूजारियों एवं अनुयायियों के द्वारा क्रांतिवीर कंगला मांझी का विधिवत् पूजा-अर्चना कर उन्हें नमन किया जाता है।
इसके पश्चात् द्वितीय दिवस 06 दिसंबर को शौर्य दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दौरान समाज सेवा एवं राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कर्मठ सैनिकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सम्मान के अलावा इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज सेवकों को छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं एवं विभूतियों के सम्मान में ’क्रांतिवीर कंगला मांझी अगास दिया सम्मान’, मिनीमाता सम्मान, संत कवि पवन दीवान सम्मान, शहीद दुर्वासा लाल निषाद सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
कार्यक्रम स्थल में 04 दिसंबर को ही बस्तर एवं महाराष्ट्र राज्य सहित विभिन्न हिस्सों से आंगादेव एवं अन्य देवी-देवताओं का आगमन हो जाता है। इस दौरान ग्राम बघमार में विशाल मेला का भी आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित उनके अनुयायियों के द्वारा अपने इष्ट देवी देवताओं के अलावा अपने आराध्य क्रांतिवीर कंगला मांझी के आदिवासी परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना के पश्चात् 03 दिवसीय आयोजन का विधिवत् शुभारंभ किया गया।
इस दौरान क्रांतिवीर कंगला मांझी की धर्मपत्नी एवं श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के अध्यक्ष राजमाता श्रीमती फूलोदेवी कांगे एवं उनके सुपुत्र कुंभदेव कांगे सहित उनके परिजन उपस्थित थे।
समारोह में विशाल संख्या में उपस्थित श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के सैनिकों द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए क्रांतिवीर कंगला मांझी एवं राजमाता श्रीमती फूलोदेवी कांगे को सलामी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष इस आयोजन में मंत्री, सांसद, विधायक आदि वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, समाज सेवकों तथा समाज सेवा से जुड़े नामचीन विभूतियों का आगमन होता है। इस संगठन से जुड़े लोगों की विशेष बात यह है कि इस संगठन के सभी कार्यकर्ता बिना किसी वेतन एवं मानदेय के क्रांतिवीर कंगला मांझी के प्रति अटूट आस्था और विश्वास के कारण इस संगठन में जुड़कर समाज सेवा के पूनीत दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।