पीलुवा-नेपाल(अमर छत्तीसगढ) 14 दिसम्बर। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी सहवर्ती मुनिश्री रत्न कुमार जी का गुरुवार को पिलूवा स्थित सशस्त्र प्रहरी बल- रिर्जभ गण नंबर 40 के प्रांगण में प्रवेश किया।
एस.पी. मोहन बहादुर छत्री ने मुनि द्वय का भावभरा स्वागत एवं अभिनन्दन किया। एस.पी.साहब के निवेदन पर रात्रि में अणुव्रत-प्रेक्षा ध्यान विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन भी हुआ। रिजर्भ गण के परिसर में पहली बार जैन संतों का प्रवास हुआ।
इस विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- हमारे धर्म संघ के आचार्यों ने धर्म और सम्प्रदाय से ऊपर उठकर जन जन के कल्याण के लिए अणुव्रत प्रेक्षा ध्यान आदि उपक्रम दिये। आचार्यश्री तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ जी वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमण जी ने अहिंसा, साम्प्रदायिक सौहार्द, नैतिकता और नशा मुक्ति के लिए सभी को प्रेरित करते है। मुनि रमेश कुमार जी ने नेपाल सशस्त्र रिजर्भ बल के जवानों को महाप्राण की ध्वनि, दीर्घ श्वास प्रेक्षा “अभय की अनुप्रेक्षा” के प्रयोग भी इस अवसर पर कराये।
एस.पी मोहन बहादुर छत्री जी ने श्रद्धा भक्ति से सभी जवानों को नेपाली भाषा में समझाते हुए प्रसन्नता के साथ हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित की।
इस अवसर पर मुनि रत्न कुमार, धराण के सेवाभावी श्रावक अणुव्रत समिति के सलाहकार सुरजकरण दुगड, अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के संगठन मन्त्री भरत चौरडिया(पूर्वाञ्चल ) , अणुव्रत समिति धरान की अध्यक्षा श्रीमती मोनिक दुगड भी विशेष रुप से उपस्थित थे।