8 दिवसीय पर्युषण पर्व प्रारंभ


शुक्रवार, 3 सितंबर 2021 से श्वेतांबर जैन समाज के 8 दिवसीय पर्युषण पर्व प्रारंभ हो गए हैं। पर्युषण पर्व जैन धर्मावलंबियों का आध्यात्मिक त्योहार माना गया है। यह पर्व ऐसा लगता है मानो किसी ने दस धर्मों की माला बना कर दी हो। यह पर्व आत्म जागरण का संदेश देकर सोई आत्मा को जगाने तथा अंतरात्मा को पहचानने की शक्ति देता है।

इन खास दिनों में पूजन, प्रार्थना, पक्षाल, अंतगड दशासूत्र वाचन एवं अष्ठानिका प्रवचन, शाम को प्रतिक्रमण और रात्रि में प्रभु भक्ति एवं भगवान की आंगी रचाई जाएगी। ज्ञात हो कि श्वेतांबर जैन अनुयायी पर्युषण पर्व को अष्ठानिका पर्व के रूप में भी मनाते हैं।
पर्युषण महापर्व की आराधना के दौरान 4 सितंबर को प्रभु की अंग रचना, 5 सितंबर को पौथा जी का वरघोड़ा निकाला जाएगा, 6 सितंबर को कल्पसूत्र प्रवचन होगा, 7 सितंबर को भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन पर्व मनाया जाएगा, 8 सितंबर को प्रभु की पाठशाला का कार्यक्रम, 9 सितंबर को कल्पसूत्र वाचन, 10 सितंबर को बारसा सूत्र दर्शन, प्रवचन चैत्य परिपाटी, संवत्सरी प्रतिक्रमण आदि कार्यक्रम होंगे। सामूहिक क्षमापना पर्व 12 सितंबर को मनाया जाएगा तथा इस पर्व समा‍प्ति हो जाएगी।
इस अवसर व्रतधारी तपस्वियों का पारणा, तत्पश्चात जुलूस तथा स्वामिवात्सल्य होगा। इन 8 दिनों के पर्युषण पर्व के दौरान जैन अनुयायी धार्मिक ग्रंथों का पाठ करेंगे, प्रवचन सुनेंगे तथा इसके साथ ही व्रत, तप और आराधना करके अपनी क्षमतानुसार दान-पुण्य करेंगे। इसके बाद दिगंबर जैन समाज के अनुयायी दसलक्षण पर्व मनाएंगे।

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