रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 26 दिसम्बर। (हितेश मानिकपुरी) । आज शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा- समय वर्ष महीने निकलते है वैसे ही 21,600 सांस हर दिन निकलते है। पूजा अर्चना यज्ञ किर्तन भजन भक्ति सेवा करने के बाद मानव जीवन मिला। आपको भारत देश मिला। छत्तीसगढ महतारी मिला।
कुछ 83 लाख योनी पार कर जाने के बाद मानव जीवन मिला। फिर जन्म मरन होने के कई जीव जन्तु में आपका जन्म होगा। नाजाने क्या बनोगे। मानव जीवन में शिव भक्ति में लीन रहने से सफलता जरूर मिलेगी।
अतिथ दरवाजे में आये भोजन अवश्य दे। कमल देवागन जी को धन्यवाद आपके माता पिता के पुन्य है जो लाखो लोंग शिव कथा में भोजन ग्रहण कर रहे है। और कथा सुन रहे है। शिव महापुराण कथा सुनाने वाला कोई नही है। मन लगन से कथा सुने और कथा पंडा में मांगी हुई। श्रद्धा भाव से निवेदन करने से सभी कुछ मिल जाता है।
चंचला देवी ने कहा तुम रूका नारद जी एक जगह नही रूकते।
तुम रूका जी भगवान के भक्ती में हमेशा लीन रहते है।
तुमरूका जी ने नारद के भाजे ने पुछा बिना खाये भगवान के भक्ती में लीन रहते है।
सुनो माया दूर करती है। शंकर का भक्त माया को दूर कर शंकर की भक्ती में लीन रहता है।
एक स्त्री से पुछो तीज व्रत पशुपति व्रत में लीन रहती है। भूखे प्यासे।आज कल फैशन चल रहा है। उस फैशन में आंख बंद कर तीन चार कैमरे कैंद कर रहा है।आंसू कब आता है। भगवान के भक्ती में लीन होते है।
रील बनाने वाले आंसू कैमरे में कैद करते है। रील बनाने वाले आंसू बहाने से भगवान नही मिलेगे।
राजा दशरथ अयोध्या के राजा के पिता राजा अज शिव भक्ति में लीन है। पुजा कर रहे थे। वहा रावण लंका के राजा पहुंच गये। शंकर के किसी व्रत करने में दिखावा ना करे दिल से भजन स्मरण करो। ढोग की जिंदगी जीने से सही ढंग का जिंदगी जिये।
राजा अज ने शिव भक्ती मे लीन है। जल चढा रहा है। और पच्क्षिम में फेका लंका पति रावण ने कहा शिव का जल क्यो फेका राजा ने कहा। गाय को शेर ने पकड रखा था। इस लिये। जल पच्क्षिम में फेका।
गाय की जान बची और शेर मर गया।
आप शिव भक्ति में लीन है। शिव को जल चढा रहे है। सारी समस्याओं का हल एक लोटा जल। कोई रोक रहा कोई टोक रहा है। आप शिव भक्ति में लीन रहे।
कथा कराने वाला शंकर है। कथा सुनने वाले शंकर है। सेवा करने वाला शंकर है। कहा से शिव भक्त आते है। इस पंडाल में आते है। यह शिव तथ्य है। जुता चाब रहा है वह 500 के जूते है, हार पचास हजार की है। साडी 8 हजार की है। जूता, हार साडी चाहे महगे पहनो। जूता आपके पसंद का साडी आपके पसंद का सभी आपकी मर्जी का है।
बेटी को पढाया तूने लिखाया तूने पालन किया तूने। आपको निर्णनय लेना चाहिये। पढोसी नही साथ देगें। आप अपनी मर्जी से कार्य करे। दुनिया वाले जो कहते है। कहने दो। सोचते है जो भी सोचने दो। एक पिता हो अपने ही मर्जी से कार्य करो।
शिव भक्ति अपनी मेहनत अपनी लग से कार्य करे। सफलता जरूर मिलती है।
आपके में भी वो गुण है। परिश्रम करे आप भी अवश्य कामयाबी हासिल करेंगे। हिम्मत मत हारना, 33 कोटी देवताओं में मेरे शिव शंकर एक है। मेरे शंकर जहर पचाने वाले है। मेरे शिव शंकर कहते है। मै विष पचाता हूं किसी पर कोध ना हो संयम रहो। किसी पर अपराध ना करो। भोले बाबा सहन शील शिव भक्ति में लीन होने वाले श्रद्धालू पर अवश्य दया करते है। वह शिव शंकर जी आपके साथ है।
शिव जो जीवन को देने वाले है।
भगवान की कथा, शिव कथा कहते है।
संसार में जन्म लेने वाले मनुष्य को आपके दरवाजे में आये तो भोजन दो, बिठाये, पानी दीजिये।
वह भी नही कर सकते अतिथि को भोजन पानी, बिठाना अच्छे आचरण नही कर सकते तो आने वाले समय में बुजुर्ग जीवन व्यर्थ रहेगा। आपका अतिथि आये तो भोजन दीजिये वह नही दे सकते तो पानी दीजिये वह नही कर सकते तो बिठाईये वह नही कर सकते तो मुश्कुराइये। और आदर करिये। वह आपको पुन्य जरूर मिलेगा।
बुढापे को बेहतर बनाने के लिये। शिव भक्ति का पालन करे।
शरीर में स्वास्थय की जरूरत होती है। शंकर पर विश्वास की जरूरत होती है।
आपके दुख की घडी में कोई नही आयेगा। आप शिवलिंग पर एक लोटा जल चढाते है। मेरे शंकर, देव महादेव, शिव शंकर दुख दर्द को दूर करने जरूर आयेगा।
शादीयों में फैसन हो गया। सभी सना से निवेदन। प्रवेश द्वार में भगवान को बिठा देते है। शराबी गुटका खाने वाले हंसी उडाते है।
भगवान को अपने घर में बिठाओं।
शादी विवाह में प्रवेश द्वार में भगवान की फोटो, मुर्ती ना रखे।
शंकर की मूर्ती से शंकर प्रकट हो सकता है। पत्थर से शंकर प्रकट हो सकता है। दुनिया के सामने वह पत्थर का शिव लिंग हो लेकिन विश्वास के साथ शिव पर एक लोटा जल चढाओं तो आप पर शिव जी की कृपा प्राप्त होगी।
मेरे रिश्तेदार, कुटूब साथ देगा, कोई साथ नही देगा। मेरे शंकर भगवान साथ देगा।
एक लोटा जल और श्री शिवाय नमस्तुंभ्यं जाप ने सभी के जीवन को क्या नही दिया। भगवान शिव पर विश्वास रखे आपको सब कुछ मिलेगा।
एक राजा के पुत्र रानी मां से कहती है। मेरे दोस्त 24 घंटे मेरे साथ रहता है। मेरे लिये सब कुछ करेगा। एक दिन घर से अपने पुत्र को राजा निकाल दिया। वह पुत्र अपने मित्र के घर गया।
उसके घर के दरवाजे खटक खटाया वह मित्र दरवाजा तक नही खोला। 7 दिन हो गया। दरवाजा नही खोला। चौबीस घंटे वाले मित्र साथ छोड देते है।
कभी कभी मिलने वाला मित्र सदगुरू है, कभी कभी मिलने वाला शिव शंकर की कथा है।