भाजपा की गुटीय राजनीति कोमल बने जिलाध्यक्ष, महामंत्री सौरभ… आरोप प्रत्यारोप विरोध के चलते अब महापौर की चर्चा

भाजपा की गुटीय राजनीति कोमल बने जिलाध्यक्ष, महामंत्री सौरभ… आरोप प्रत्यारोप विरोध के चलते अब महापौर की चर्चा

राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 11 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी की कथित गुटीय राजनीति राजनांदगांव जिले सहित संसदीय क्षेत्र में इस बार जिला भाजपा अध्यक्ष राजनांदगांव को लेकर चर्चाओं में रही है। डॉ. रमन सिंह के सबसे नजदीकी कोमल सिंह राजपूत को अंतत: जिलाध्यक्ष बना दिया गया।

वहीं सौरभ कोठारी जिसकी चर्चा सांसद संतोष पांडे खेमे से होने की चर्चा रही। उन्हें महामंत्री जिले का बनाया गया है। यह भी चर्चा भाजपा के मध्य रही है कि सौरभ कोठारी का विरोध कथित तौर पर पिछली कांग्रेस सरकार में उनका नाम सत्तापक्ष के खेमे से संपर्क करने की बात रही है। जिसमें पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दरबार में पहुंचने की चर्चा। लेकिन यह स्थिति अब समाप्त हो गई।


भारतीय जनता पार्टी संगठन के अध्यक्ष का पेंच उलझा हुआ था। जिसे आज खोल दिया गया है। प्रदेश के 36 जिलों में से 35 जिलों में घोषणा कर दी गई है,काफी कशमकश के बाद अंतत: जिला अध्यक्ष की घोषणा कर दी गई है। अध्यक्ष के साथ साथ महामंत्री पद भी घोषित कर दिया गया है समूचे प्रदेश में दो पदों की एक साथ घोषित करना आश्चर्य जनक है। भाजपा के संगठन के ढांचे की बात करें तो महामंत्री और जिला अध्यक्ष दो संगठन के महत्वपूर्ण पद माने जाते हैं।

राजनादगांव सत्ता का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह की राजनीतिक जमीन है वही संतोष पांडे भी दो बार के सांसद होते हुए संगठन में अपनी विशेष ताकत लिए हुए हैं, गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का भी प्रभार जिला है।

लंबे समय तक अध्यक्ष के लिए चल रही बैठकों के मद्देनजर दो नामों को लेकर खींचतान चल रही थी इसके पश्चात आज भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल सिंह राजपूत को जिला अध्यक्ष बनाया गया है दूसरी ओर उससे कहीं ज्यादा इस बात को लेकर चर्चा है की सौरभ कोठारी के लिए लगाया गया दम असरकारक रहा यही वजह है कि समूचे प्रदेश के मात्र राजनांदगांव जिले में ही दो पदों की एक साथ घोषणा की गई और सौरभ कोठारी को महामंत्री बनाया गया।

वहीं दूसरी ओर अब नगर निगम राजनांदगांव के महापौर प्रत्याशी को लेकर अंतिम मुहर अभिषेक सिंह की पसंद पर डॉ. रमन की लगेगी। लेकिन गुटीय राजनीति विशेषकर राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में अब डॉ. रमन के अतिरिक्त सांसद संतोष पांडे एवं प्रभारी विजय शर्मा की भूमिका भी राजनीतिक निर्णयों में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। अब प्रदेश में एकमात्र कवर्धा जिले के भाजपा अध्यक्ष की घोषणा बाकी है। संभव है आज कल में यह भी हो जाएगा।

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