मुनि श्री रमेश कुमार जी के पावन सान्निध्य में नेपाल अणुव्रत समिति काठमाण्डौ के तत्वावधान में “अणुव्रत विचार संगोष्ठी”

मुनि श्री रमेश कुमार जी के पावन सान्निध्य में नेपाल अणुव्रत समिति काठमाण्डौ के तत्वावधान में “अणुव्रत विचार संगोष्ठी”

https://www.facebook.com/share/p/15AJDBj55K


सुरुंङ्गा झापा नेपाल (अमर छत्तीसगढ) 12 जनवरी। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी के पावन सान्निध्य में
नेपाल अणुव्रत समिति काठमाण्डौ के तत्वावधान में अणुव्रत विचार संगोष्ठी का आयोजन सुरुंङ्गा जिला झापा नेपाल में राधेश्याम अग्रवाल के निवास पर आयोजित हुई।

अणुव्रत विचार संगोष्ठी में नेपाल उपसभामुख- इन्दिरा राना मगर मुख्य अतिथि  नेपाल राष्ट्रिय मारवाङी परिषद के महासचिव चतुर्भुज सरिया विशिष्ट अतिथि एवं नेपाल स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष दिनेश नौलखा मुख्य वक्ता थे।

अणुव्रत संगोष्ठी को संबोधित करते
हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- संत के दर्शन से व्यक्ति धन्य हो जाता है। संत में मनुष्य के हृदय को तुरंत शुद्ध करने की क्षमता होती है।सच्चे त्यागी, तपस्वी संत धर्म सम्प्रदाय के घेरे निकल कर मानवता के लिए कार्य करते हैं। ऐसे ही एक संत हुये हैं आचार्य तुलसी।

आचार्य तुलसी युगद्रष्टा, युगस्रष्टा संत थे। उस महामानव ने नैतिकता, सदाचार , सौहार्द बढाने के लिए अणुव्रत आन्दोलन का शुभारंभ किया। अणुव्रत की आचार संहिता और वर्गीय अणुव्रत के नियमों का पालन करके कोई भी व्यक्ति इस अभियान में सहभागी बन सकता है।

मुनि रत्न कुमार जी ने कहा- नेपाल की स्कूलों में अणुव्रत आचार संहिता के नियम बच्चों को बताना चाहिए। आचर संहिता के बोर्ड भी लगाने चाहिए जिससे यह अभियान जन जन तक पहुंच सकता है।

नेपाल अणुव्रत समिति अध्यक्ष फूलकुमार ललवानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी का परिचय भी कराया।

अणुव्रत विचार संगोष्ठी की प्रमुख अतिथि सम्माननीय नेपाल उपसभामुख इन्दिरा राना मगर ने प्रसन्नचित्त होकर कहा- जैन धर्म और दर्शन में अहिंसा को बहुत सूक्ष्म रुप से व्याख्यायित किया है। सभी धर्म अहिंसा आदि की बात करते हैं परन्तु जैनी संत जीवन में अहिंसा, सत्य आदि को जीते हैं। गृहस्थ भी अभ्यास करता है। प्रमुख अतिथि ने आगे कहा- नेपाल में अणुव्रत अभियान आगे बढे । यह मानवमात्र के लिए उपयोगी है।

मैं इस नैतिक और चारित्रिक विकास के इस आन्दोलन से बहुत प्रभावित हूं। जैन मुनि महात्यागी होते हैं ।आप से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। जितना संभव हो हमें अणुव्रत को जीवन में अपनाना चाहिए।
प्रमुख वक्ता नेपाल स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष दिनेश कुमार नौलखा ने कहा- अणुव्रत एक नैतिक आन्दोलन है। यह हमें संयम से रहना और संयम से जीना दोनों सीखाता है। नेपाल के प्रथम प्रधानमंत्री भूतपूर्व प्रधानमंत्री मातृका प्रसाद कोईराल नेपाल अणुव्रत समिति के प्रथम अध्यक्ष बनें थे। यह हमारे लिए गौरव की बात है।
विशिष्ट अतिथि नेपाल राष्ट्रीय मारवाङी परिषद के महासचिव चतुर्भुज सरीया ने भी इस अवसर पर सारगर्भित विचार व्यक्त किए।

नेपाल स्तरीय अणुव्रत समिति द्वारा प्रमुख अतिथि नेपाल उपसभामुख, नेपाल राष्ट्रिय मारवाङी परिषद के महासचिव, मुख्य वक्ता, सुरुंङ्गा के राधेश्याम अग्रवाल, आदि अतिथियों को साहित्य भेंट करके खादा धारण कराके सम्मान किया।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा काठमाण्डौ के पूर्व अध्यक्ष महावीर सिंह संचेती, तेरापंथ सभा के महासचिव प्रकाश दूगङ के अतिरिक्त धूलाबाडी, बिर्तामोड, कांकडभिट्टा आदि क्षेत्रों के भाई बहन भी उपस्थित थे।
नेपाल अणुव्रत समिति के अध्यक्ष फूल कुमार जी ललवानी ने संगोष्ठी का कुशलता पूर्वक संचालन किया।

कार्यक्रम के पश्चात रुद्राक्ष के पेड़ लगाया गया।

संप्रसारक
नेपाल अणुव्रत समिति काठमाण्डौ-नेपाल

Chhattisgarh