ग्राम पंचायत ढारा में  सरपंच व सचिव ने मिलकर किया लाखों का भ्रष्टाचार

ग्राम पंचायत ढारा में सरपंच व सचिव ने मिलकर किया लाखों का भ्रष्टाचार

(धनराज जैन)

सरपंच ने पद का उपयोग अपने निजी लाभ के लिए किया

15 वें वित्त ,मूलभूत व अन्य आय के स्त्रोत से राशि के आहरण व ब्यय में नियमो का रखा ताक में

अपने परिजनो को किया F. F.T.O(FOND TRANSFER ORDER)

90प्रतिशत बिल पर सचिव का हस्ताक्षर नही

फर्जी बिल स्वमं बनाकर पंयायत की राशि को अपने भाई मोहन लाल वर्मा व रिस्तेदार रामसिंग वर्मा को किया भुगतान

भाई बना गांव का सफाई ठेकादार,बना छड़ गिट्टी सीमेंट रेत का सप्लायर

बेलगांव डोंगरगढ़ (अमर छत्तीसगढ) : पंचायती राज की परिकल्पना जनता के हितों को ध्यान में रखकर किया गया, मतदाता ईमादारी से इसलिए उन्हें अपना पवित्र मतो को अर्पित करते हैं ताकी चुनाव के बाद गांव का विकास व सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को भरपूर लाभ मिले।ग्राम पंचायत ढारा नागरिक श्री प्रेमलाल वर्मा के द्वारा सूचना के अधिकार नियम 2005 के तहत 15 वें वित्त,मूलभूत मद व अन्य स्त्रोत से प्राप्त आय की जानकारी मांगी गई, परन्तु सचिव ग्राम पंचायत‌ ढारा द्वारा भ्रामक अपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराया है जानकारी नवम्बर 2024 तक चाही गई है,सचिव भ्रष्टाचार को छुपाने जनवरी 2024 से नवम्बर 2024 की जानकारी उपलब्ध नहीं कराया है। यह मामला डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम ढारा के सरपंच राजेंद्र कुमार जंघेल की है जो पूर्व में भी उपसरपंच रह चुका है,पंचायत‌ से पैसा कैसे कमाया जाता है उसको अच्छा पता है। 2020 कें पंचायतीराज के पवित्र कुंभ में कम मत से सरपंच निर्वाचित हुए। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त अपूर्ण जानकारी का कैश बुक वाउचर और रसीद बुक का अवलोकन करने से पता चलता है ग्राम पंचायत ढारा के सरपंच राजेंद्र कुमार जंघेल ने अपने छोटे भाई मोहनलाल वर्मा के तीन फर्जी बिल (1) मोहन वर्मा ढारा (2) मोहन मोबाइल्स एवं स्टेशनरी ढारा(3) मोहन मटेरियल सप्लायर ढारा के नाम से कंप्यूटर से सादा फर्जी बिल बनाकर 15वें वित्त ,मूलभूत मद व अन्य आय के स्रोत मद से 17 लाख से अधिक रुपए की राशि अपने भाई के अकाउंट में सीधा एफटीओ किया है। मोहन वर्मा ढारा के द्वारा जारी बिल जीएसटी बिल नहीं है, छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियमों के अनुसार पंचायत के कार्यों का जो भी बिल भुगतान होगा जीएसटी बिल अनिवार्य है,उनके नाम से जारी कई बिल 98000 से अधिक है। मोहन वर्मा मूल रूप से मोबाइल मनिहारी व छुटपुट घरेलू सामाग्री का विक्रेता है।संरपंच अपने भाई को वार्डो की साफ-सफाई नाली निर्माण जीरा गिट्टी डस्ट मुरूम डालने कई लाख रूपए खाता में पंचायत से F.T.Oकिया है।
ऐसा प्रतीत हो रहा है, सैकड़ों बिल का पड़ताल करने पर देखा कि ग्राम में कई ऐसे काम हुए ही नही है और बकायदा फर्जी बिल लगाकर बिल आहरण कर लिया गया है ऐसा लगता है उक्त भ्रष्टाचार को पंचायत में कार्यरत कर्मचारी व जनपद के लोग मिलकर अंजाम दिये हैं प्रेम लाल वर्मा ने बताया कि आगे इस न्यूज की एपिसोड में एक रिस्तेदार ,एक हार्डवेयर दुकान व एक सरपंच का फर्जी बिल लगाने का बड़ा खुलासा कुछ है दिन में किया जावेगा। धनराज जैन बेलगांव

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