राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 26 जनवरी। संस्कारधानी शहर में आज मुमुक्षुओं का वरघोड़ा निकला। श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर से वरघोड़ा निकलकर सदर बाजार से होते हुए बसंतपुर थाना के सामने से वापस जैन बगीचा पहुंचा। इस कार्यक्रम में आचार्य श्री जिन पीयूष सागर जी स्वयं शामिल हुए।
मुमुक्षु भाई भूपेंद्र डाकलिया, उनकी धर्मपत्नी मुमुक्षु श्रीमती सपना डाकलिया, पुत्र द्वय मुमुक्षु देवेंद्र एवं मुमुक्षु हर्षित डाकलिया तथा दोनों पुत्रियां मुमुक्षु महिमा व मुमुक्षु मुक्ता डाकलिया के अलावा कोंडागांव की मुमुक्षु संगीता गोलछा, राजनांदगांव की मुमुक्षु सुशीला लूनिया और बालोद के मुमुक्षु भाई सोनू उर्फ सौरभ फुगड़ी के साथ ही महासमुंद एवं धमतरी में आगे जिनकी दीक्षा होनी है, के भी मुमुक्षु शामिल हुए। बरगोड़ा में मुमुक्षु बंधुओं के वस्त्र भी रखे हुए थे जिन्हें वह दीक्षा लेने के दौरान धारण करने वाले हैं। बरगोड़ा के जैन बगीचा पहुंचते ही कार्यक्रम स्थल पर मेहुल भाई एवं चिंतन भाई के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुंबई से आए कलाकारों ने माहौल बदल दिया । समाज के लोग इसमें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शामिल हुए और मुमुक्षुओं को संयम जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।सकल जैन श्री संघ के अध्यक्ष एवं श्री जैन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट समिति के मैनेजिंग ट्रस्टी तथा पूर्व महापौर नरेश डाकलिया, ट्रस्टीगण रिद्धकरण कोटडिया, राजेंद्र कोटडिया (गोमा) एवं अजय सिंगी के साथ ही दीक्षा महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक भावेश बैद, कोषाध्यक्ष रोशन गोलछा, रितेश लोढा, समाज के वरिष्ठ सदस्य राजा डाकलिया, सुभाष लालवानी, प्रभात कोटडिया , बिहार सेवा ग्रुप के मोहिल कोटडिया, आकाश चोपड़ा, जैनम बैद सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शामिल हुए। इस कार्यक्रम के बाद वर्षी दान का कार्यक्रम संपन्न हुआ। वर्षी दान कार्यक्रम से पहले गुरु वंदना का कार्यक्रम भी हुआ। कार्यक्रम के बाद प्रसादी का आयोजन किया गया था।