रायपुर (अमर छत्तीसगढ), 4 फरवरी 2025/ राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए निर्वाचन तिथि के घोषणा के साथ ही निर्वाचन परिणाम तक आर्दश आचार संहिता प्रभावशील है। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग व्दारा जारी नियम पुस्तिका में निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
घोषणा से परिणाम तक प्रभावशील रहेगी- स्वतंत्र एवं निष्पक्ष और सुव्यवस्थित निर्वाचन कराने की सम्पूर्ण प्रक्रिया के लिए राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचरण संहिता लागू की गई है। इस संहिता के अनुसार निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के दिनाकं से निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक आचार संहिता प्रभावशील रहती है।
धार्मिक स्थलों एवं भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाए- इसके अंतर्गत किसी भी राजनैतिक दल या उम्मीद्वार को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या उनमें विद्वेष या तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, साम्पद्रायिक या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी आराधना स्थल जैसे कि मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
व्यक्तिगत आलोचनाएं न की जाए- किसी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो और न ही ऐसे आरोप लगाये जाने चाहिए जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो।
राजनैतिक दलों आलोचनाएं नीति और कार्यक्रम तक सीमित हो- किसी राजनैतिक दल की आलोचनाएं उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए तथा दल और उसके कार्यकर्ताओं की आलाचना असत्यापित आरोपों पर आधारित नहीं की जानी चाहिए।
मतदाताओं को रिश्वत या प्रलोभन देना अपराध- राजनैतिक दलों तथा उम्मीद्वारों को ऐसे सभी कार्यों से परहेज करना चाहिए जो चुनाव के कानून के अंतर्गत भर्ष्र आचरण और अपराध हैं इनमैं मतदाताओँ को लुभाने के लिए विभिन्न प्रकार सामग्रियां, शराब और रुपए बांटना शामिल है।
चरित्र पर प्रभाव डाने वाले मिथ्या प्रचार नहीं करें- किसी उम्मीद्वार के निर्वाचन की सभांवना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्देश्य से, उसके व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीद्वारी के संबंध में ऐसे कथन या समाचार का प्रकाशन कराना जो मिथ्या हो या जिसके सत्य होने का विश्वास न हो।
चुनाव सामग्रियों मुद्रक प्रकाशक और संख्या का उलेल्ख हो – ऐसा कोई पोस्टर, ईश्तहार, पैम्प्लेट या परिपत्र निकालना जिसमें मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता नहीं हो।
दूसरों की समपत्ति पर अनुमति लेकर प्रचार समाग्री लगाएं- किसी भी उम्मीद्वार या उसके समर्थकों या कार्यकर्ताओं व्दारा किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का उपयोग झण्डा टांगने, पोस्टर चिपकानें, नारे लिखने आदि प्रचार कार्याे के लिए। उसकी अनुमति के बगैर, नहीं किया जाना चाहिए।
शासकीय एवं सार्वजनिक भवन, उनके अहाते या अन्य परिसम्पत्तियों का उक्त प्रयोजन हेतु उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहगे। किसी भी दल या उम्मीद्वार व्दारा या उसके पक्ष में लगाये गये झण्डे या पोस्टर दूसरे दल या उम्मीद्वार के कार्यकर्ताओं व्दारा नहीं हटाया जाना चाहिए।