नवनिर्वाचित सरपंच, पंच, पार्षद, जनपद अध्यक्ष का सम्मान समारोह संपन्न

नवनिर्वाचित सरपंच, पंच, पार्षद, जनपद अध्यक्ष का सम्मान समारोह संपन्न

भिलाई (अमर छत्तीसगढ) 23 फरवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित अंतर्दिशा  भवन के पीस ऑडिटोरियम में नवनिर्वाचित सरपंच,पंच,पार्षद,जनपद अध्यक्ष का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भिलाई इस्पात सयंत्र सी एस आर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के जी एम शिवराजन मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

 वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्राची दीदी ने नवनिर्वाचित सदस्यों को गांव का सर्वांगीण विकास करने के लिए जीवन में आध्यात्मिकता के समावेश द्वारा  मन के पथरीले रास्ते रूपी नकारात्मक विचारों को छोड़कर, शुद्ध,शांत,श्रेष्ठ सकारात्मक विचारों को धारण कर बेहतर कार्य करने प्रेरित किया।

दूसरों के साथ तुलना और ईर्ष्या को छोड़कर दूसरों की अच्छाई को स्वयं में धारण करना है| रात को सोने का समय और सुबह उठने के 15 मिनट हमारे जीवन में अमृत के समान होते हैं इस समय को परमात्मा को याद करके श्रेष्ठ कार्य की शुरुआत करें|

सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया|

भिलाई इस्पात सयंत्र के  सी एस आर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के जी एम शिवराजन ने गुजरात और हेदराबाद की महिलाओं के उदाहरण से बताया की वंहा पर 30 वर्षो पूर्व ही महिलाए 4 व्हीलर के साथ ट्रक भी चलाती है। आज भले सरपंच महिलाएं है लेकिन निर्णय सरपंच पति करते है । आप सभी गाँव के विकास में स्वयं के निर्णय ले । गाँव में शिक्षा और रोजगार बहुत आवश्यक है । नशे के बढ़ते दुष्प्रभावो के बारे में भी जागरूकता लानी है, जिसमे ब्रह्माकुमारिज़ जैसी आध्यात्मिक संस्थाए का विशेष योगदान है ।

ब्रह्माकुमारी अमिता दीदी ने सभी का राजयोगिनी आशा दीदी जी की तरफ से आभार व्यक्त किया|

डिवाईन ग्रुप के बच्चों ने मेरे देश की धरती, सुन मितवा तुझको क्या डर है गीतों पर सुन्दर नृत्य प्रस्तुत कर सभी को श्रेष्ट कार्य करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर कर दिया|कार्यक्रम का सुन्दर मंच संचालन ब्रह्माकुमारी गायत्री दीदी ने किया|

 इस कार्यक्रम में करंजा भिलाई, कुटेलाभाटा, बेलोदी, बोरीगाँव, कचान्दुर,खपरी, उतई, उमरपोटी,बासिन, डूमरडीह के नवनिर्वाचित सरपंच, पंच, जनपद अध्यक्ष, पार्षद उपस्तिथ रहे| 

सभी जनप्रतिनिधियों को श्री फल, पट्टिका पहनाकर सम्मानित कर उनके दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी और समर्पण की भावना से गाँव के सर्वांगीण विकास कार्य करने के लिए राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया|

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