रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 5 मार्च। जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ का नागलोक कहा जाता है। प्रदेशभर में सर्पदंश से सर्वाधिक मृत्यु इसी जिले में होती है। लेकिन, अब बिलासपुर राज्य का नया नागलोक बन गया है। जी हां… हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि, बिलासपुर में सर्पदंश से 431 लोगों को मुआवजा बांट दिया गया. वहीं जशपुर में 96 लोगों की मौत का मुआवजा बांट दिया गया। बिलासपुर में सर्पदंश से मौत और मुआवजा के नाम पर 17 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया गया है। ऐसे में यह मुद्दा विधानसभा में गूंजना लाजमी था। जिसके बाद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जांच की घोषणा की है।
विधायक सुशांत शुक्ला ने प्रदेश सरकार की ओर से पेश आंकड़े पर कहा कि, जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ का नागलोक कहा जाता है. लेकिन वहां सांप के काटने से 96 लोगों की मौत हुई है। जबकि, बिलासपुर जिले में यह आंकड़ा चार गुने से भी ज्यादा है और 431 लोगों की मौत हुई है। मुआवजे में 17 करोड़ से भी ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया गया है।
मामले की कराएंगे जांच- मंत्री वर्मा
इसके बाद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से विधायक श्री शुक्ला ने पूछा कि, जिन लोगों को फर्जी जांच के आधार पर मुआवजा दिया गया है, उसकी जांच विभाग ने कराई है क्या? विधायक के सवाल और खुलासे के बाद मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि, यह जानकारी पहली बार सामने आ रही है। विधायक के पास यदि दस्तावेज है तो उसे उपलब्ध करा दें। हम इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
सांप फर्जी था या आदमी-स्पीकर
इस पूरे मामले को सुनने के बाद स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि, वहां सांप फर्जी था या आदमी।
विधायक कौशिक बोले- जशपुर की जगह बिलासपुर कब बना नागलोक
वहीं चर्चा के बीच विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि, हमें तो आज तक यही सुना है और जाना है कि, जशपुर नागलोक है। जशपुर से बिलासपुर कब नागलोक बन गया पता ही नहीं चला।