खैरागढ़(अमर छत्तीसगढ़)। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत राज्यपाल द्वारा गोद लिए गए ग्राम जंगलपुर में 15 फरवरी को कुलपति पद्मश्री डॉक्टर ममता चंद्राकर द्वारा निर्देशित ‘लोक में राम’ की शानदार प्रस्तुति दी गई। यह यह प्रस्तुति विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग द्वारा दी गई इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आईडी तिवारी ने ‘गांव एवं गांधी’ विषय पर व्याख्यान भी दिया।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल द्वारा गोद लिए गए ग्राम जंगलपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत ‘ग्रामीण विकास के लिए युवा’ विषय पर सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ 13 फरवरी को हुआ, जो कि 19 फरवरी तक चलेगा। 15 फ़रवरी को कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर यहाँ विशेष रूप से उपस्थित थीं। उनके निर्देशन में ‘लोक में राम’ की प्रस्तुति दी गयी। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के लोक संगीत विभाग द्वारा दी गयी इस प्रस्तुति में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के लोकजीवन में भगवान श्री राम कैसे विद्यमान हैं। इस मौके पर सुप्रसिद्ध लोक सांस्कृतिक संस्था ‘चिन्हारी’ के डायरेक्टर प्रेम चंद्राकर, कुलसचिव प्रोफेसर आईडी तिवारी, लोक संगीत विभाग के प्रमुख डॉ. योगेंद्र चौबे, NSS के जिला संयोजक सुरेश पटेल आदि उपस्थित थे। जंगलपुर गाँव में आयोजित इस NSS कैंप में ग्रामीणों की भीड़ भी बढ़ गयी। छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोकगायिका व कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर जब आशीर्वचन के लिए मंच पर पहुंचीं, तो ग्रामीणों ने उनसे राजगीत ‘अरपा पैरी के धार…’ सुनाने का आग्रह किया। ग्रामीणों के आग्रह को सहर्ष स्वीकार करते हुए कुलपति ने राजगीत सुनाया। ग्रामीण बहुत खुश हुए।
इस शिविर में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के छात्र-छात्राओं के द्वारा ग्रामीणों एवं गांव के बच्चों को विभिन्न प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है। तरह-तरह के खेल आयोजित हो रहे हैं, वही छात्र-छात्राओं के द्वारा बच्चों को गायन, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, योगा इत्यादि के प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं। इस शिविर में बौद्धिक परिचर्चा के सत्र भी निर्धारित हैं, जिसके अंतर्गत 14 फरवरी को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की प्रोफेसर डॉ मृदुला शुक्ला के द्वारा ‘स्वतंत्रता आंदोलन में नारियों की भूमिका’ तथा योग एवं दर्शन के प्रोफेसर डॉ. अजय पांडेय के द्वारा योग और स्वास्थ्य संबंधी विषय पर व्याख्यान दिया गया। इसी प्रकार 15 फरवरी को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलसचिव व अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आई डी तिवारी के द्वारा ‘गांव एवं गांधी’, गोदग्राम के नोडल अधिकारी तथा प्राध्यापक प्रोफेसर राजन यादव के द्वारा ‘राष्ट्रीय सेवा योजना का दर्शन’ एवं खैरागढ़ के अधिवक्ता सर्वेश ओसवाल के द्वारा ‘मौलिक अधिकार कर्तव्य एवं सामान्य धाराएं’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। बौद्धिक परिचर्चा के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रम में 16 फरवरी को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर काशीनाथ तिवारी के द्वारा ‘आजीवन शिक्षा’ पर व्याख्यान दिया जाएगा, वहीं खैरागढ़ के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर निलेश पांडे ‘नशा मुक्ति: कारण एवं निदान’ विषय पर अपना वक्तव्य देंगे। 16 फरवरी को ही इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे ‘जनसंचार एवं ग्रामीण विकास’ पर व्याख्यान देंगे। 17 फरवरी को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर योगेंद्र चौबे ‘लोक रंगमंच’ विषय पर अपनी बात रखेंगे, जबकि सहायक प्राध्यापक डॉ कपिल वर्मा ‘युवा शक्ति के रचनात्मक भूमिका’ विषय पर अपनी बात रखेंगे। इसी दिन महिला एवं बाल विकास परियोजना खैरागढ़ की सहायक परियोजना अधिकारी मधु ठाकुर ‘महिला एवं बाल विकास’ पर अपना वक्तव्य देंगे। 18 फरवरी को जनपद पंचायत खैरागढ़ के वरिष्ठ करारोपण अधिकारी सीडी दुबे सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इसी दिन सहायक करारोपण अधिकारी विमला नेताम भी जनहितकारी योजनाओं पर अपनी बात रखेंगी। आपको बता दें कि जंगलपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर के अंतर्गत प्रतिदिन राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों छात्र छात्राओं के द्वारा शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे तक जन जागरूकता संबंधी कार्यक्रम किए जा रहे हैं। 17 फरवरी को 8:00 बजे फणीश्वर नाथ द्वारा रचित ‘पंचलाइट कहानी’ की प्रस्तुति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के नाटक विभाग के द्वारा की जाएगी। राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर में गोद ग्राम के प्रभारी व डॉ राजन यादव नोडल अधिकारी की भूमिका में हैं। यह पूरा कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी जगदेव नेताम के संयोजन में संपन्न हो रहा है। इस शिविर के कारण जंगलपुर में ऐसा वातावरण निर्मित हो गया है कि सरपंच, सचिव, पूर्व सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्राचार्य, शिक्षक और स्थानीय छात्र-छात्राएं आदि बढ़-चढ़कर शिविर के सहभागी और सहयोगी बन रहे हैं।