बर्खास्त 2621 सहायक शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ: सहायक शिक्षक – विज्ञान प्रयोगशाला” के पद पर होगी पुनर्नियुक्ति

बर्खास्त 2621 सहायक शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ: सहायक शिक्षक – विज्ञान प्रयोगशाला” के पद पर होगी पुनर्नियुक्ति

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 30 अप्रैल। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय कैबिनेट ने एक बड़ा और राहत भरा फैसला लेते हुए उन 2621 बर्खास्त सहायक शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएड डिग्री धारक होने के कारण सेवा से हटा दिया गया था। मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया था कि प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण कार्य के लिए बीएड (B.Ed) नहीं बल्कि डीएलएड (D.El.Ed) डिग्री अनिवार्य है। बावजूद इसके, पिछली कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बीएड धारकों की सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति कर दी थी। हालांकि, नियुक्ति पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी।

जब सर्वोच्च न्यायालय ने बीएड धारकों को अयोग्य घोषित करते हुए स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) को खारिज कर दिया, तब राज्य सरकार के पास इन शिक्षकों को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इस निर्णय से 2897 शिक्षक प्रभावित हुए, जिनमें से 2621 शिक्षकों के लिए अब पुनर्नियुक्ति का रास्ता खुल गया है।

बर्खास्तगी के बाद प्रभावित शिक्षक लंबे समय से सड़क पर संघर्ष कर रहे थे। उनके आंदोलन और लगातार बढ़ते सामाजिक दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने मामले की गहराई से समीक्षा की।

हाल ही में मुख्यमंत्री निवास में हुई एक अहम बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बर्खास्त शिक्षकों के पक्ष में जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए। इसके बाद कैबिनेट ने सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पदों पर पुनर्नियुक्ति की मंजूरी दे दी।

सरकार अब इन शिक्षकों को “सहायक शिक्षक – विज्ञान प्रयोगशाला” के पद पर नियुक्त करेगी। इससे न सिर्फ शिक्षकों को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य के स्कूलों में खाली पदों की पूर्ति भी हो सकेगी।

यह निर्णय उन हजारों शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है, जो बीते कई महीनों से अनिश्चितता और संघर्ष के दौर से गुजर रहे थे।

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