स्कूलों में प्रवेश हेतु आधार कार्ड की बाध्यता समाप्त : क्रिष्टोफर पॉल

स्कूलों में प्रवेश हेतु आधार कार्ड की बाध्यता समाप्त : क्रिष्टोफर पॉल


राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 19 मई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्कूलों में प्रवेश हेतु आधार कार्ड की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि स्कूलों को बच्चों से आधार कार्ड मांगना अनिवार्य नहीं है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह बच्चों के दाखिले के लिए आधार नहीं मांग सकते है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने कहा कि एनरोलमेंट के समय बच्चों से आधार कार्ड की मांग करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन।

वहीं शिक्षा का अधिकार कानून में जन्म प्रमाण नहीं होने पर पालक को स्व-सत्यापित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की छुट दिया गया है, ताकि बच्चों को स्कूल में प्रवेश लेने से वंचित नही किया जावे।


छत्तीसगढ़ परैंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखकर यह जानकारी दिया गया है कि जिले के सरकारी स्कूलों में बिना आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र के बच्चों को प्रवेश से वंचित किया जा रहा है, और ऐसे मनमानी करने वाले स्कूलों के शिक्षकों-शिक्षिकाओं और प्राचार्यो को राजनांदगांव जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल संरक्षण दे रहे है।

बिना आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र के उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है, उन्हें आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने निर्देशित किया जा रहा है, बिना उसके उनके बच्चों को स्कूलों में प्रवेश नही दिया जा रहा है। इस भीषण गर्मी में पालकों को अनावश्यक परेशान होना पड़ रहा है।

पॉल से ऐसे शिक्षकों और प्राचार्यो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग भी किया है, क्योंकि उनका कहना है कि पीड़ित पालक दुखी और व्यथीत है, क्योंकि उनके बच्चों को आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण उनके आवेदनों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है और उनके बच्चों को बिना आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

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