पीएम के लिए पैसे मांगने वालों पर एक्शन : स्वास्थ्य विभाग ने BMO को किया सस्पेंड, 20 हजार रुपये की थी मांग

पीएम के लिए पैसे मांगने वालों पर एक्शन : स्वास्थ्य विभाग ने BMO को किया सस्पेंड, 20 हजार रुपये की थी मांग

बतौली(अमर छत्तीसगढ) 20 मई। छत्तीसगढ़ के बतौली के ग्राम सिलसिला में डूबने से दो बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई। धौरपुर BMO डॉ. राघवेंद्र चौबे को निलंबित कर दिया गया है। रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर अमन जायसवाल भी हटाये गए। स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई की।

उल्लेखनीय है कि, ग्राम सिलसिला घोड़ा झरिया गांव में डबरी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद उनके शवों को पीएम के लिए रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। वहां डॉक्टर्स ने पीएम करने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की। इतना नहीं शव घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिलने पर भी सवाल उठा था।

यह है पूरा मामला

दरअसल, लुंड्रा विधानसभा के अंतर्गत रघुनाथपुर के ग्राम सिलसिला घोड़ा झरिया निवासी 5 वर्षीय जुगनू आ. शिवा गिरी और 4 वर्षीय सूरज गिरी आ. विनोद गिरी चचेरे भाई है। दोनों बच्चे 18 मई की दोपहर परिजन और गांव के लोगों के साथ गांव में मौजूद डबरी में नहाने गए हुए थे। इस दौरान दोनों बच्चे अचानक ही डबरी में उतर गए और किसी की उनपर नजर नहीं पड़ी। जब परिजन ने बच्चों को खोजना शुरू किया तो डबरी के बाहर उन्हें बच्चों के कपड़े मिले जिसके बाद ग्रामीणों ने डबरी में खोजबीन के बाद उन्हें बाहर निकाला।

परिजनों ने बच्चों को रघुनाथपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। बच्चों की मौत के बाद परिजन सदमे में थे और इस बीच अस्पताल प्रबंधन की अमानवीयता सामने आई है। आरोप है कि बच्चों का पीएम करने के नाम पर चिकित्सक ने 10-10 हजार रुपये की मांग की।

गरीबी का हवाला देने पर लिए कम पैसे

जब परिजनों ने कहा कि, हम गरीब परिवार से हैं तो इतने पैसे कहां से देंगे तो डॉक्टर ने 5-5 हजार रुपये प्रति पीएम एक मांगे। काफी मिन्नतों के बाद डॉक्टर ने 5 हजार रुपये में दोनो का पीएम किया। इस दौरान किसी ने मामले की जानकारी बीएमओ को दे दी। मामला बिगड़ता देख बीएमओ मौके पर पहुंचे जिसके बाद बच्चों का पीएम कराया गया और पीएम के बाद शव परिजन के सुपुर्द किया गया लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है।

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