रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 30 मई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराने वाली संस्था ‘काल मी’ को लेकर अब तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं। इस संस्था पर महिलाओं का यौन शोषण से लेकर पैसे एंठने तक के आरोप लगे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी अब काल मी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले शुक्रवार को अंबेडकर हास्पिटल परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया। इस दौरान ‘कॉल मी’ सर्विस के माध्यम से कार्यरत बाउंसरों और सुपरवाइजरों पर अश्लील वीडियो बनाकर महिला स्वास्थ्यकर्मियों को ब्लैकमेल करने, नौकरी के नाम पर 10 हजार से 50 हजार तक वसूली करना और खुलेआम धमकाने जैसे आरोप लगे हैं।
इसी के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ और अन्य संगठनों ने अंबेडकर अस्पताल परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और ‘कॉल मी’ सर्विस का ठेका तत्काल निरस्त करने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक, पत्रकार रविवार रात अस्पताल में एक चाकूबाजी की घटना की कवरेज करने पहुंचे थे, तभी ‘कॉल मी’ सर्विस के बाउंसरों ने न केवल उन्हें रोकने की कोशिश की, बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। आरोप है कि, कुछ बाउंसर अस्पताल परिसर में बंदूक लेकर घूमते हैं और रिपोर्टिंग करने आए मीडियाकर्मियों को धमकाते हैं।
स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि ‘कॉल मी’ एजेंसी के खिलाफ कई बार अस्पताल अधीक्षक को शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब पूरे प्रदेश भर के स्वास्थ्य संगठन लामबंद हो गए हैं और ठेका रद्द करने के साथ-साथ दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह मुद्दा सिर्फ अस्पताल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह राज्य के स्वास्थ्य तंत्र और मीडिया की स्वतंत्रता से जुड़ा संवेदनशील विषय बन चुका है। ये हैं मुख्य मांगें – ‘कॉल मी’ सर्विस का ठेका रद्द कर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए।
महिला स्वास्थ्यकर्मियों से दुर्व्यवहार और ब्लैकमेलिंग के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अस्पताल परिसर में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बाउंसरों की खुलेआम गुंडागर्दी पर रोक लगाई जाए।