रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 3 जून। शासकीय विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभहोने के साथ ही कई स्तर पर गड़बड़ियों और शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गड़बड़ी किए जाने के कारण दुर्ग के विकासखंड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव को निलंबित कर दिया गया है। उन पर अपनी पत्नी को अतिशेष प्रक्रिया से मुक्त रखने कूटनीति करने का आरोप लगाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दुर्ग बीईओ गोविंद साव का पत्नी कुमुदनी साव शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सेक्टर-9 भिलाई में कार्यरत है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत ऐसे शिक्षक जो स्कूलों में अतिरिक्त हैं, उन्हें वहां से हटाकर दूसरे विद्यालयों में भेजा जाना है।
इस प्रक्रिया में बीईओ की शिक्षक पत्नी का नाम भी अतिशेष की सूची में आया। नियमतः उन्हें उक्त विद्यालय से हटाकर दूसरे स्कूल भेजा जाना था, लेकिन बीईओ ने कूटरचना करते हुए अपनी पत्नी को गणित की उच्च वर्ग शिक्षक बताकर जानकारी आगे कार्यलय में संप्रेषित की। चूंकि उक्त स्कूल में गणित उच्च वर्ग शिक्षक का पद रिक्त था, ऐसे में उनकी पत्नी को स्कूल से हटना नहीं पड़ता।
जांच में यह बात सामने आने पर बीईओ को दुर्ग संभागायुक्त सत्य नारायण राठौर ने निलंबित कर दिया है। उन पर कदाचार एवं गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें दुर्ग जिला शिक्षा कार्यालय अटैच किया गया है।
नवीन शैक्षणिक सत्र से पूर्व युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूर्ण करने की कोशिश लोक शिक्षण संचालनलाय द्वारा की जा रही है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए इस संदर्भ में आदेश भी जारी कर दिया गया है।
डीपीआई ने सोमवार को जारी अपने आदेश में कहा है कि 28 मई तक अतिशेष शिक्षकों का परीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद 4 जून तक अतिशेष शिक्षकों का पदास्थापना आदेश जारी किया जाए।
4 जून तक उक्त कार्यवाही पूर्ण नहीं होने की स्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। पदास्थापना प्रक्रिया पूर्ण कर 5 जून तक सभी जानकारी संचालनालय में प्रस्तुत करने कहा गया है।
इधर, राजधानी रायपुर में युक्तियुक्तकरण के लिए 2 से 5 जून तक अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग निर्धारित हुई थी। रविवार के दिन आदेश जारी कर इसे स्थगित कर दिया गया है। आदेश में कारणों का जिक्र ना करते हुए कहा गया है कि अपिहार्य कारणों से आगामी आदेश तक इसे स्थगित किया जाता है।
आगामी तिथि की सूचना शीघ्र ही दी जाएगी। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अतिशेष शिक्षकों की सूची में जिनके नाम आए हैं, उनमें से कई ने विभिन्न स्तर पर आपत्ति की है। इसके चलते काउंसिलिंग स्थगित की गई है।