रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 3 जून। छत्तीसगढ़ के किसानों को कृषि के लिए सोलर पंप भी लगाकर दिए जा रहे हैं। साढ़े तीन लाख कीमत के पांच एचपी के सोलर पंप के लिए किसानों को महज 10 से 20 हजार रुपए ही अपनी जेब से देने पड़ते हैं। इन पंपों के लिए केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलती है। 2025-26 के लिए केंद्र सरकार के पास प्रदेश के किसानों के खेतों में प्रधानमंत्री कुसुम योजना में 20 हजार पंप लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से प्रस्ताव की मंजूरी के बाद क्रेडा खेतों में पंप लगाने का काम करेगा। प्रदेश में अब तक एक लाख साठ हजार सोलर पंप लगाए जा चुके हैं।
प्रदेश में किसान खेती के लिए कृषि पंप लगाने का काम करते हैं। ज्यादातर कृषि पंप तो बिजली से चलने वाले लगाए जाते हैं, लेकिन प्रदेश में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर बिजली की सुविधा न होने पर या किसानों के खेतों के पास बिजली के ट्रांसफार्मर और खंबे न होने के कारण कृषि पंप लगाने के लिए करीब 9 साल पहले प्रदेश में भाजपा की सरकार के समय सोलर पंप लगाने की योजना का प्रारंभ किया गया था। तब सौर सुजला योजना के माध्यम से सोलर कृषि पंप लगाने का काम किया गया। उसी समय प्रदेश में बहुत ज्यादा सोलर कृषि पंप लगाए गए।
पहले इसके लिए उन क्षेत्रों को ही चुना गया था जिन गांवों में बिजली नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन बाद में ऐसे क्षेत्रों को भी चुना गया, जहां पर कृषि पंप लगाने के लिए पर्याप्त बिजली की सुविधा नहीं थी। अब सोलर पंप लगाने का काम केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किया जा रहा है।
क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी ने बताया कि , नए सत्र 2025-26 में प्रदेश में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना में 20 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को दिया गया है।
सोलर कृषि पंप लगाने का काम क्रेडा द्वारा किया जाता है। इसके लिए अलग-अलग वर्ग के लिए शुल्क भी अलग-अलग तय है। तीन एचपी तक के कृषि पंप की लागत 255925 रुपए आती है।
यह पंप लगाने पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को महज सात हजार रुपए देने पड़ते हैं। ओबीसी को इसके लिए 12 हजार और सामान्य वर्ग को 18 हजार रुपए देने पड़ते हैं। इसके अलावा तीन हजार रुपए प्रोसेसिंग शुल्क लगता है।
पांच एचपी के कृषि सोलर पंप की लागत 351614 रुपए आती है। इसके लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को महज 10 हजार, ओबीसी को 15 हजार और सामान्य वर्ग को 20 हजार देने पड़ते हैं। इसके लिए प्रोसेसिंग शुल्क 48 सौ रुपए अलग से देना पड़ता है।