बिलासपुर श्री जैन दिगंबर समाज का आत्मा विशुद्धि, संयम, त्याग और आत्म चेतना का पर्युषण महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को उत्तम मादर्व के रूप में मनाया गया । कोविड-19 को देखते हुए ज्यादातर कार्यक्रम ऑनलाइन हो रहे है । जैन उपाश्रय टिकरापारा में स्थानकवासी संवत्सरी प्रतिक्रमण संपन्न हुआ । जैन श्वेतांबर समाज का रविवार को संवत्सरी क्षमापना समापन समारोह आयोजित होंगे ।
महापर्व कार्यक्रम प्रभारी अनुभूति जैन, ऋतु जैन, संदीप जैन, दीपक जैन, सुप्रीत जैन, अमित जैन ने बताया कि कुछ कार्यक्रमों में सिर्फ प्रतिभागियों को क्रांति नगर जैन मंदिर में बुलवाकर भाग दिया जा रहा है । इसका प्रसारण ऑनलाइन किया जा रहा । शाम को प्रतिदिन मंगला जैन द्वारा क्रांति नगर जैन मंदिर में स्वाध्याय कराया जा रहा । प्रतिदिन संध्या कालीन आरती सीमित परिवारों की उपस्थिति में क्रांति नगर जैन मंदिर में की जा रही है । पर्युषण के दूसरे दिन आज सरकंडा पाठशाला द्वारा क्षणभंगुर संसार पर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा । कार्यक्रम के प्रभारी श्रीमती अर्पणा जैन एवं श्रीमती शिप्रा जैन हैं । सांस्कृतिक कार्यक्रमों के सदस्य अमित जैन द्वारा प्रतिदिन ऑनलाइन आओ ज्ञान बढ़ायें कार्यक्रम में शनिवार को 6 सवाल पूछे गए जिसमें सवाल के जवाब के लिये सभी प्रश्नों के चार चार विकल्प दिए गए थे । जिसमें एक को चुन कर सही जवाब देना था । विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। भजन प्रतियोगिता में क्षिप्रा जैन, सोनू जैन, रंजीता जैन, सोना जैन, अंशु जैन, संयम जैन, सुप्रीत जैन, आकांशी जैन, सरस जैन, संदीप जैन, गौरव जैन, रितिका जैन, दिव्यांश जैन, रिदम जैन ने भाग लिया । प्रतियोगिता के जज शैलेंद्र जैन बॉलीवुड संगीतकार अंकुर जैन निर्देशक एवं निर्देशन फिरोजाबाद थे ।
तीनो मंदिर जी सरकंडा, क्रान्तिनगर एवं सन्मति विहार मंगला में विशेष पूजा संपन्न हो रही है। सुबह 7 बजे से श्रीजी का अभिषेक, शांति धारा एवं पूजन विधि विधान के साथ सम्पन्न की गई। इस अवसर पर शांतिधारा की बोली लगाई गई। सभी जैन धर्मावलंबी मंदिर जी जाकर पूजा अर्चना में लीन रहे। सायं 6,30 बजे से सामयिक पाठ उसके बाद आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रसारण ऑनलाइन किया जा रहा। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व बिलासपुर के दौरान आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रमों में दूसरे दिन उत्तम मादर्व के रूप में मनाया गया ।
जैन उपाश्रय टिकरापारा
गुजराती जैन स्थानकवासी का जैन उपाश्रय टिकरापारा में संवत्सरी पर्व के आखरी दिवस व्याख्यान में एक दूसरे से क्षमा याचना कर अपने द्वारा भूल से अनजाने में किए गए पाप को क्षमा करना है । उन्होंने कहा कि नारी अपने स्वार्थ को और कपट को सदा के लिए समाप्त कर दें और एक दूसरे के व्यवहार की आदर भावना रखें। उसी प्रकार पुरुष अपना अपमान, घमंड एक दूसरे के प्रति हीन भावना न करे तो विश्व में कभी भी किसी भी प्रकार की एक दूसरे के प्रति दुश्मनी नहीं रहेगी। और पूरा संसार खुशहाली के साथ जीवन यापन करेगा। आगे कहां गया कि मनुष्य को 24 घंटे में कम से कम 2 से 5 घंटे का मौन व्रत करना चाहिए इस मौन व्रत के 9 फायदे बताए हैं । जिसमे क्रोध नहीं आता, असत्य वाणी नहीं कहलाता, छोटे बड़े का मान, आप से रिलेशन खराब नहीं होते, किसी से बैर दुश्मनी नहीं होती, वाद विवाद नहीं होता, राग द्वेष नहीं होता, कुछ कहने के बाद का पछतावा नहीं होता, और मुख्य रूप से यह सभी घटनाएं नहीं होती तो मनुष्य का जीवन में खराब कर्म बंद भी नहीं होता है। जिसके कारण मनुष्य का अगला भव शांतिप्रिय और सुखी होता है । समाज के द्वारा शाम को प्रतिक्रमण करने के पश्चात एक दूसरे से खमत खामना कर मिच्छामि दुक्कड़म कहां गया । इसके पश्चात बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन किया गया। समाज के अध्यक्ष भगवान दास सुतारिया एवं समाज के सभी गणमान्य श्रावक श्राविका व्याख्यान एवं शाम को प्रतिक्रमण में उपस्थित थे।
जैन श्वेतांबर समाज का संवत्सरी क्षमापना समारोह रविवार को
जैन श्वेतांबर श्री संघ प्रचार प्रसार प्रभारी अमरेश जैन ने बताया कि रविवार को चोपड़ा भवन में संवत्सरी क्षमापना समारोह आयोजित की जाएगी । इस अवसर पर सबसे सामूहिक क्षमा याचना की जाएगी । इस दौरान विमल ज्योति चोपड़ा की पुत्रवधू शानूल चोपड़ा का 9 का उपवास एवं भावना चोपड़ा का 16 एकासना एवं एक उपवास का पारना किया जाएगा । कार्यक्रम पश्चात स्वामी वात्सल्य कार्यक्रम चोपड़ा परिवार के द्वारा रखा गया है । सभी तपस्या की साता पूछ कर अनुमोदना एवं समाज के बच्चों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा एवं वरिष्ठ जनों को शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया जाएगा । इस दौरान 8 दिनों तक समाज के श्रावक श्राविका द्वारा किए गए कार्यों की आभार प्रदर्शन किया जाएगा ।