चुस्कियों, शर्बत व सहित कई प्रकार के पेय पदार्थों के ठेले सजने लगे …….बाजार में अमानक कोल्ड ड्रिंक्स भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे

चुस्कियों, शर्बत व सहित कई प्रकार के पेय पदार्थों के ठेले सजने लगे …….बाजार में अमानक कोल्ड ड्रिंक्स भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे

मनेंद्रगढ़(अमर छत्तीसगढ़) गर्मी के साथ ही बाजार में चुस्कियों, शर्बत व सहित कई प्रकार के पेय पदार्थों के ठेले सजने लगे हैं। इन ठेलों पर पर बर्फ से बनी चुस्कियां सहित अन्य आयटम मिलते हैं। जिसे मीठा करने के लिए दुकानदार शक्कर की अपेक्षा सेकरीन डालते हैं। क्योंकि वह दाम में काफी सस्ता होता है। बाजार में शक्कर 40 से 50 रुपए किलो मिलती है, जबकि सेकरीन का एक किलो का डिब्बा 200 से 220 रुपए में आता है।

जिसके दो चार चम्मच डालने पर काफी पानी मीठा हो जाता है। ऐसे में एक किलो सेकरीन का डिब्बा कई दिनों तक काम मे आता है। क्योंकि मात्र एक किलो सेकरीन में करीब 200 लीटर पानी मीठा हो जाता है। कुछ दुकानदार सेकरीन से पेप्सी भी बनाते हैं, जो एक रुपए में बिकती है।

बिना पंजीयन चला रहे दुकान
किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री का विक्रय करने वाले दुकानदार को खाद्य विभाग का लाइसेंस व पंजीयन लेना अनिवार्य होता है। इस प्रकार के अधिकतर दुकानदार पंजीयन के दायरे में आते हैं। लेकिन इन दुकानदारों के पास किसी प्रकार का कोई पंजीयन नहीं है।

फलों के रस बिक रहे कम दामों पर: नगर में कई दुकानों पर फलों के रस भी 10 से 20 रुपए बेचे रहे हैं। जबकि यह फल इतने महंगे होते हैं कि 10 से 20 रुपए में इनका रस पिलाना मुश्किल होता है। इससे साफ है कि ये दुकानदार फलों के रस में भी कलर, फ्लेवर और सेकरीन का उपयोग कर रहे हैं।

बाजार में हर फ्लेवर में उपलब्ध हैं अमानक कोल्ड डिंक्स
बाजार में अमानक कोल्ड ड्रिंक्स भी धड़ल्ले से बेचे रहे हैं। इनमें कोला, लेमन, ओरेंज और मैंगो जो चाहे उसका फ्लेवर मिल जाएगा। बोतल पर सील युक्त ढक्कन भी रहता है यानी पहली नजर में लगता है मानो यह बेहद सुरक्षित प्रोडक्ट है। जानकार बताते हैं कि इस तरह के कोल्ड ड्रिंक्स बनाने के लिए मशीन या तकनीक की जरूरत नहीं, बस पानी में रंग और फ्लेवर डालो और ड्रिंक्स तैयार। बोतल बाजार में मिल ही जाती है। इसके अलावा कई शीतल पेय तो प्लास्टिक की थैलियों में पैक करके भी बेचे जा रहे हैं। जिनमें पानी की शुद्धता का भी कोई ध्यान नही रखा जाता है।

न बैच नंबर न ही निर्माता का नाम
ब्रांडेंड कंपनियों के नाम की आड़ में पांच से दस रुपए में कोलिं्ड्रग्स बेची जा रही है। इसमें घातक केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। नगर की तुलना में ग्रामीण अंचल में छोटे दुकानदारों के यहां अमानक पेय पदार्थों की सप्लाई की जा रही है। लोकल स्तर पर बनाए जा रहे है। इन कोलिं्ड्रग्स की बोतलों पर न तो निर्माता कम्पनी का नाम लिखा होता है। नही बैच नम्बर और एक्सपायरी डेट लिखी होती है। 5 से 10 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से इनकी बिक्री खूब हो रही है। इनके ज्यादातर खरीददार बच्चे होते है। सस्ते के लालच में लोग इन्हें पीकर बीमार हो रहे है।

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