राज्यपाल सुश्री उइके की पहल से अनुसूचित क्षेत्र के हजारों वनवासियों को मिली राहत

राज्यपाल सुश्री उइके की पहल से अनुसूचित क्षेत्र के हजारों वनवासियों को मिली राहत

राजपत्र में तीन नगर पंचायतों में शामिल ग्राम पंचायतों को पृथक करने संबंधी अधिसूचना प्रकाशित

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़), 20 मई 2022/ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के सतत् प्रयासों से राज्य के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के अनेक गांवों के रहवासियों को बड़ी राहत मिली है। राज्यपाल को अनुसूचित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों ने अनेकों बार ज्ञापन देकर अनुरोध किया था कि पांचवी अनुसूची के क्षेत्र के तहत् आने वाली ग्राम पंचायतें जो पूर्व में नगर पंचायत में शामिल कर ली गई थी, उन्हें पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाए। क्योंकि नगर पंचायत में शामिल होने के कारण उन गांवों में आरक्षण में परिवर्तन, ग्रामीण क्षेत्रों को मिलने वाली राशि एवं अन्य लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस पर राज्यपाल सुश्री उइके ने पूरी संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए वनवासियों के अधिकार के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को समय-समय पर पत्र लिखकर निर्देश दिए थे। सुश्री उइके ने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया था। ज्ञातव्य हो कि पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में राज्यपाल को विशेषाधिकार होता है।

राज्यपाल के निर्देशानुसार परीक्षण कर राज्य शासन ने 03 नगर पंचायतों में शामिल ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों को पृथक करने संबंधी आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है, जिससे अनुसूचित क्षेत्र के रहवासियों को अत्यंत राहत मिली है।

राज्य शासन द्वारा जारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार नगर पंचायत डौण्डी (जिला-बालोद) की सीमा में सम्मिलित ग्राम पंचायत/ग्राम उकारी को पृथक किया गया है। इसी प्रकार नगर पंचायत चिखलाकसा (जिला-बालोद) की सीमा से ग्राम पंचायत/ग्राम कारूटोला, झरनदल्ली (भोयरटोला), कुंजामटोला को पृथक किया गया है। जिला-दक�

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