राजनांदगाँव(अमर छत्तीसगढ़):-19/05/22
जिनशासन गौरव, विश्व वल्लभ, शांत क्रांति संघ के आचार्य 1008 श्री विजय राज जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती पंडित रत्न, समीक्षणध्यान योगी, गणाधिपति पुज्य मुनि श्री शांति मुनिजी म.सा. का गत 13 मई को अजमेर में देवलोक गमन हो गया था। पूज्य म.सा. श्री को श्रद्धांजलि देने हेतु नवकार भवन राजनांदगांव में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया ।
श्री साधुमार्गीय शांत क्रांति जैन श्रावक संघ राजनांदगांव के अध्यक्ष संतोष जैन सावा, महामंत्री संजय छाजेड़ ने बताया कि गुणानुवाद सभा का प्रारंभ श्रीमती दक्षा डाकलिया द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण के द्वारा किया गया संघ के श्री भागचंद गिड़िया ने पूज्य म.सा. श्री का परिचय दिया, संतोष जैन सावा ने अपने संस्मरणों को साझा किया साथ ही पूज्य शान्तिमुनि जी म सा के अंतिम संस्कार में शामिल हुए भाई शैलेश झाबक के श्रद्धा भक्ति को याद करते हुए साधुवाद दिया, पद्मश्री डॉ. पुखराज बाफना ने पूज्य म.सा. श्री के समन्वयशीलता के गुणों का उल्लेख किया, साधुमार्गी संघ के श्री गौतम पारख ने पूज्य श्री के साथ बचपन से अपने लगाव व श्रद्धा भक्ति का उल्लेख करते हुए अपने भाव रखें श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ से श्री अशोक पारख, तेरापंथी सभा से श्री राजेंद्र सुराना, सुधर्म संघ से श्री ज्ञान चंद बाफना, समरथ संघ से श्री धरम बोहरा ने अपने अपने शब्दों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।
शांतक्रान्ति संघ के वरिष्ठ सदस्य मूलचंद जी संचेती, केशरी सावा ,संजय गोलछा ने अपने संस्मरण साझा किए एवं गुरुदेव को अनंत उपकारी माना तथा महिला संघ से श्रीमती कुमुद चोपड़ा, बालिका मंडल से दिशा छाजेड़ ने अपने भाव रखें ।
श्री अशोक गिड़िया ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि जैसे फैमिली डॉक्टर होते हैं उसी तरह पूज्य शांति मुनि जी म सा हमारे फैमिली म सा थे। बहु मंडल से श्रीमती दक्षा डाकलिया व श्रीमती पूनम गोलछा ने भावपूर्ण गीतिका के माध्यम से अपने भाव रखें। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय छाजेड़ ने किया।
संघ के सदस्य रेखचंद जैन ने सन 2005 में जैन बगीचे में चातुर्मास का उल्लेख करते हुए पूज्य महाराज साहब द्वारा किए गए उपकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, साथ ही शांतक्रांति जैन श्रावक संघ राजनाँदगांव द्वारा आयोजित इस गुणानुवाद सभा में उपस्थित सभी संघों के प्रतिनिधियों व संघ सदस्यों के प्रति संघ की ओर से आभार व्यक्त किया।
अंत में श्रद्धांजलि स्वरुप चार लोगस्स का पाठ करके सभा का समापन किया गया , उक्त कार्यक्रम में रतन चंद झाबक, रतनलाल गोलछा, शैलेंद्र कोठारी,नेमीचंद पारख,अशोक सांखला, रमेश पारख, संतोष ओस्तवाल, संतोष कांकरिया, निर्मल सेठिया, दीपक कोठारी, नलिन कोठारी, ज्ञानचंद बाफना, शांतिलाल सुराना, जवरीलाल गोलेछा, सुबाहु ओस्तवाल, राजेंद्र बाफना, रिखब सेठिया, अशोक मोदी, गौतम सिंगी,राजेन्द्र गोलछा,गौतम छाजेड़ ,सुशील छाजेड़,सुशील गिड़िया, राजेंद्र जैन, ध्यानचंद बाफ़ना, सुभाष चोपड़ा,महावीर छाजेड़,विजय छाजेड़ आकेश जैन, सिद्धार्थ सावा, मयंक बाफना, रजत पींचा, सोमिल गोलेछा, दीपांशु डाकलिया, आदि सदस्यों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रावक श्राविका व शांत क्रांति संघ के महिला एवं युवा संघ के सदस्य उपस्थित थे।