भगवती दीक्षा संपन्न, राकेश सुराना बने यशोवर्धन, अमय बने जीनवर्धन, लीना सुराना बनी साध्वी संवररूची जी म सा

भगवती दीक्षा संपन्न, राकेश सुराना बने यशोवर्धन, अमय बने जीनवर्धन, लीना सुराना बनी साध्वी संवररूची जी म सा


बालाघाट/राजनांदगांव।(अमर छत्तीसगढ़)  बालाघाट के सराफा कारोबारी राकेश सुराना ने अपनी 11 करोड़ की संपत्ति गोशाला और धार्मिक संस्थाओं को दान कर दी। उन्होंने पत्नी लीना और 11 साल के बेटे अमय के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर आज भगवती दीक्षा ग्रहण की।


संयम पथ पर चलने का फैसला किया है। वे परिवार सहित आज दीक्षा ग्रहण किया। जिसके अनुसार तीनों का नया नामकरण किया गया। जिसमें भगवती दीक्षा संपन्न, राकेश सुराना बने यशोवर्धन, अमय बने जीनवर्धन, लीना सुराना बनी साध्वी संवररूची जी म सा 
दीक्षा ग्रहण करने के पहले राकेश सुराना (40), उनकी पत्नी लीना सुराना (36) और बेटे अमय सुराना ( 11 ) को शहर के लोगों ने गत दिनो ं भावभीनी विदाई दी। 


सुराना परिवार जिले का सबसे प्रतिष्ठित परिवार है जो सोने-चांदी के व्यापार के साथ ही सामाजिक कार्यो के लिए जाना जाता है इस परिवार से पूर्व में 2008 में राकेश सुराना की बहन ने नेहा सुराना ने सन्यासी जीवन अपनाया था जिसके बाद 2017 में उनकी मां चंदादेवी सुराना ने दीक्षा प्राप्त कर सांसारिक जीवन का त्याग किया था और अब उनके परिवार के तीन सदस्यों ने आज जैन साधु, संतों के सानिध्य में आज भगवती दीक्षा ग्रहण की। 


उल्लेखनीय है कि गत दिनों सुराना ने बताया कि उन्हें धर्म, आध्यात्म और आत्म स्वरूप को पहचानने की प्रेरणा गुरु महेंद्र सागर महाराज और मनीष सागर महाराज के प्रवचनों और उनके सानिध्य में रहते हुए मिली। वहीं उनकी पत्नी ने बचपन में ही संयम पथ पर जाने की इच्छा जाहिर कर दी थी। बेटे अमय महज चार साल की उम्र में ही संयम के पथ पर जाने का मन  बना चुके थे। हालांकि, बेहद कम उम्र के कारण अमय को सात साल तक इंतजार करना पड़ा। राकेश बालाघाट में सोने-चांदी के कारोबार से जुड़े हैं। कभी छोटी-सी दुकान से ज्वेलरी का कारोबार शुरू करने वाले राकेश ने अपने दिवंगत बड़े भाई की प्रेरणा, अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से इस क्षेत्र में दौलत और शोहरत दोनों कमाई। आधुनिकता के इस दौर की सुखमय जीवन की तमाम सुविधाएं उनके घर-परिवार में थीं। उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, लेकिन सुराना परिवार अपनी सालों की जमा पूंजी दान कर आध्यात्म की तरफ रुख कर रहे हैं।

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पूजा नवलखा ने दीक्षा ग्रहण की, बनी साध्वी तत्व रूचि जी म सा 
रायपुर। (अमर छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ की रायपुर निवासी पूजा नवलखा, ध. प. आकाश नवलाखा ने भी आज जयपुर में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ द्वारा आयोजित भगवती दीक्षा कार्यक्रम में जैन साधु, संतों के सानिध्य में आज दीक्षा ग्रहण की तथा मुमुक्षु पूूजा नवलखा अब बनी साध्वि तत्व रूचि जी म सा 

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