जैन मुनि ऋषभ सागर एवं साध्वी स्नेहयशा श्री जी म.सा.के सानिध्य में होंगे जीवन जीने की कला पर विविध आयोजन
“जीवन में अच्छे गुणों और संस्कारों से अपने को मजबूत करना है।”
“शिविर उक्त संस्कारों के लिए सबसे अच्छी कार्यशाला है। पंद्रह दिनों में क्या अच्छा था ?क्या ठीक नहीं था ? यह न करके ,क्या? हमने अच्छे गुणों का श्रवण किया और उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया तो हमारे शिविर आयोजित करने की सार्थकता हो जायेगी।”
उक्त उदगार प.पू.ऋषभसागर जी महाराज साहब ने आज पंद्रह दिवसीय शिविर के शुभारंभ अवसर पर श्री कैवल्यधाम तीर्थ परिसर के प्रवचन हाल में व्यक्त किए।
शिविर प्रेरिका प्रवचन प्रवीणा प.पू.स्नेहयशा श्री जी ने कहा कि शिविर के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जैन बच्चों में अभी से ही अच्छे संस्कार का बीजारोपण करना है आने वाले समय में एक अच्छी श्राविका का संस्कार उदित हो ।श्री कैवल्यधाम तीर्थ प्रेरिका, आगमज्ञा, प्रवर्तिनी श्री निपुणा श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या प्रवचन प्रवीणा प.पू. स्नेहयशा श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा की पुनीत पावन निश्रा में “संस्कारों का शंखनाद ” के उद्देश्य से श्री कैवल्यधाम जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट और दादा की टोली के नेतृत्व में बालिकाओं के पंद्रह दिवसीय शिविर में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों,ग्रामीण अंचलों से लगभग 300 से भी अधिक छात्राये शामिल हैं।
आयोजन समिति दादा की टोली के अध्यक्ष महेन्द्र दुग्गड ने शिविर आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए स्वागत उद्बोधन दिया। शिविर के संयोजक पंकज चोपड़ा ने 15 दिन में होने वाले विविध कार्यक्रमों की जानकारी विस्तार से दी।
श्री कैवल्यधाम जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट के अध्यक्ष धरमचंद जी लूनिया, महामंत्री सुपारस जी गोलछा, ट्रस्टी भंवरलाल जी पोरवाल, पारसचंद जी झाबक, जीवनचंद जी लोढ़ा ,खरतरगच्छ युवा परिषद् के राष्ट्रीय चेयरमेन सुरेश भंसाली,शीतलनाथ मंदिर देवेंद्र नगर के अध्यक्ष विजय मालू, शिविर संचालन टीम के संयोजक पंकज चोपड़ा,महेंद्र दुग्गड,पंकज भंसाली,रमेश पारख,नितीन जैन, प्रकाश गोलछा,दिलीप गोगड़,किशोर सराफ,दिवस चोपड़ा,सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्तागण उपस्थित थे।
इस अवसर आमंत्रित अतिथियों का शिविर संचालन समिति द्वारा कुमकुम,अक्षत,माला से बहुमान किया गया।कार्यक्रम का सफल संचालन नितीन जैन ने किया।