राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़)। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त स्वप्नील प्रोडक्शन की ‘भूलन दी मेज’ के निर्माता, निर्देशक मनोज वर्मा ने बताया कि उनकी फिल्म 27 मई को राजनांदगांव शहर सहित पूरे देश के बड़े शहरों में रिलिज होने जा रही है। फिल्म पूरी तरह से छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश में बनी है। फिल्म के माध्यम से बताया गया है कि बदलते वक्त के साथ ही जिस तरह ग्रामीण संस्कृति विलोपित हो रही है, कहीं ऐसा न हो कि देश में न्याय व्यवस्था , सद्भावना एवं भाईचारा ही समाप्त हो जाये। शूटिंग छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के महुआभाठा गांव में हुई। फिल्म के अधिकांश कलाकार भी वही के है।
स्थानीय प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ‘भूलन दी मेज’ के निर्माता निर्देशक मनोज वर्मा ने कहा कि उनकी फिल्म 2017 में ही बन गई थी, जिसके बाद देश के रायपुर, मुंबई, कोलकाता व अन्य शहरों में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में भी शामिल हुए। विदेशों में भी ईटली, कैलिफोर्निया के फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हुई और पुरस्कार भी जीते। यह फिल्म छत्तीसगढ़ व हिन्दी भाषा में बनाई गई है। जिसकी अधिकांश शूटिंग छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्राम महुआभाठा के साथ खैरागढ़ जेल एवं रायपुर में हुई है। लेखक व खैरागढ़ निवासी रहे संजीव बख्शी की पुस्तक भुलनकांदा पर आधारित है। जिसकी थीम यह है कि जिस तरह से गांव के लोग यह मानते है कि भूलनकांदा पौधे पर पैर रखने पर लोग अपना रास्ता घर सब भूल जाते हैं, उसी प्रकार आज लोग देश में आधुनिकता के कारण अपनी संस्कृति न्याय व्यवस्था को भूल जाते हैं।
श्री वर्मा ने आगे बताया कि आमिर खान निर्मित फिल्म पीपली लाईव, फे्रम नत्था की भूमिका निभाने वाले ओंकार दास मानिकपुर इस फिल्म में लीड भूमिका में है। उनके साथ अनिमा पगारे जो फिल्मों एवं धारावाहिक में काम कर चुके है। बालीवुड के नामचिन कलाकार मुकेश तिवारी एवं राजेन्द्र गुप्ता ने भी अपने अभिनय से फिल्म में जान डाल दी है। मुुंबई में नामचिन कलाकारों के साथ छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने भी अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। फिल्म संगीत सुनील सोनी ने दिया है। जो छत्तीसगढ़ सिनेमा के सफल संगीतकार रहे है। बालीवुड सिंगर कैलाश खैर के द्वारा फिल्म का टाइटल गीत गाय गया है। फिल्म के प्रतिनिधि गीतों में से एक मीर अली मीर का लिखा नंदा जाही कारे इस फिल्म की जान है। जो पहले ही लोकप्रियता प्राप्त है। फिल्म की संवाद हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी में है। काफी रियलस्टिक है, जो छत्तीसगढ़ी व हिन्दी मिश्रीत है। फिल्म को 67वें राष्ट्रीय पुरस्कार फिल्म समारोह से सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिचर फिल्म से नवाजा गया है। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त पहली छत्तीसगढ़ फिल्म भूलन दी मेज के कलाकार भी प्रेस से रूबरू हुए। संभव है दर्शकों को भी 27 मई को रिलीज होने वाली इस फिल्म का इंतजार राजनंादगांव से प्रदेश व देश के लोगों को रहेगा।